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Personal Loan: पर्सनल लोन में दो पार्ट होते हैं। एक मूलधन और दूसरा ब्याज दर। इसे किस्तों या EMI में चुकाना होता है। इस लोन का ब्याज होम और कार लोन के मुकाबले ज़्यादा होता है।

Personal Loan: लोन लेकर कोई काम करना आमतौर पर गलत माना जाता है, लेकिन कई बार पर्सनल लोन बेहतर साबित हो सकता है। इसके लिए अप्लाई करने से पहले एलिजिबिलिटी चेक करनी चाहिए। पर्सनल लोन मिलना आपकी क्रेडिट हिस्ट्री पर निर्भर करता है। 

जानिए पर्सनल लोन के फायदे और नुकसान
पर्सनल लोन का ब्याज होम और कार लोन के मुकाबले ज़्यादा होता है। आवेदन करने पर बैंक या एनबीएफसी आपके क्रेडिट स्कोर, उम्र, आय, बिजनेस और कंपनी प्रोफाइल जैसे फैक्ट को ध्यान में रखते हैं। पर्सनल लोन के फायदे और नुकसान को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए। कई बार 15 से 20 हजार रुपए सैलरी होने पर आपको पर्सनल लोन मिल सकता है। बैंक इस पर गौर करते हैं कि आप लोन लेकर उसे चुकाने की स्थिति में हैं या नहीं। 

पर्सनल लोन में दो पार्ट होते हैं। एक मूलधन और दूसरा ब्याज दर। इसे किस्तों या EMI में चुकाना होता है। कुछ बैंक और NBFC ग्राहकों को स्टैंडर्ड ईएमआई अमाउंट के साथ-साथ फ्लेक्सिबल ऑप्शन भी देती हैं। स्टैंडर्ड ईएमआई में हर महीने एक फिक्स किस्त चुकानी होती है। वहीं, फ्लेक्सिबल ईएमआई में किस्त को धीरे-धीरे बढ़ा सकते हैं।

पर्सनल लोन के लिए इन बातों का रखें ध्यान
आपको देखना चाहिए कि पर्सनल लोन की जरूरत क्यों पड़ रही है। कितनी रकम की जरूरत है। लोन कितनी जल्दी चुकाई जा सकेगी। सभी जरूरी दस्तावेज तैयार रखें। साथ में दो साल के ITR भी आपने पास रखें। लोन एग्रीमेंट को ध्यान से पढ़ना चाहिए। जैसे कि ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस, रीपेमेंट पीरियड, ईएमआई अकाउंट और अन्य चार्ज।

पर्सनल लोन से जुड़ी कुछ जरूरी बातें?
इससे मिली रकम को इंवेस्टमेंट, छुट्टियां, मनोरंजन, स्टॉक मार्केट इंवेस्टमेंट और कारोबार शुरू करने के लिए नहीं करना चाहिए। पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करने से पहले बैंकों की ब्याज दर जान लेना चाहिए। लोन भरने की शर्तें पर ध्यान देना चाहिए।

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