Phalodi Satta Market: डिजिटल युग में ऑनलाइन सट्टा कारोबार तेजी के साथ बढ़ रहा है। सुदूर गांवों तक हर हाथ में स्मार्टफोन पहुंचने से लोगों के मन में सट्टेबाजी की दुनिया को लेकर क्यूरियोसिटी भी बढ़ी है। देश में आजकल कई सट्टा कारोबार ऑनलाइन ऐप और वेबसाइट से संचालित हो रहे हैं। लेकिन ये सभी गैर-कानूनी हैं। फलोदी सट्टा बाजार भी इन्हीं में से एक है, जो मौजूदा वक्त में लोकसभा चुनाव नतीजों के अनुमान और फलोदी के सटोरिये सुर्खियों में हैं। कई बार फलोदी सट्टा बाजार के अनुमान बिल्कुल सटीक निकले हैं। आइए जानते हैं, फलोदी सट्टा बाजार से जुड़ी हर वो बात जो आप जानना चाहते हैं।

1) फलोदी सट्टा बाजार क्या है?
राजस्थान में एक छोटा सा जिला है- फलोदी। यहां से चलने वाला सट्टा बाजार पूरे देश में मशहूर है। इसे ही फलोदी सट्टा बाजार कहते हैं। यहां पर छोटी-छोटी बातों पर भी सट्टा (बैट) लगाया जाता है, जैसे कि किसी ने जूता हवा में फेंका तो वह जूता जमीन पर सीधा गिरेगा या उल्टा। दो सांड लड़ाई कर रहे हैं तो कौन जीतेगा? यहां रोजाना करोड़ों रुपए का कारोबार होता है।

2) सट्टा बाजार कब शुरू होता है?
फलोदी सट्टा बाजार में कारोबार सुबह 11 बजे से शुरू होता है और देर रात तक चलता है। यहां पर करीब 20-22 मुख्य सट्टा कारोबारी हैं, साथ ही सैकड़ों दलाल और सटोरिए भी शामिल होते हैं। यहां नुक्कड़ से लेकर हर घर में सट्टे का कारोबार होता है, जिसमें बच्चे से लेकर बूढ़े तक शामिल होते हैं।

3) फलोदी सट्टा बाजार देशभर में फैला?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो लोकसभा चुनाव 2024, मानसूनी बारिश या शेयर मार्केट के उतार-चढ़ाव को लेकर दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे बड़े शहरों में सट्टे लगाए जाते हैं। अन्य राज्यों में भी सटोरियों के पैसे लगते हैं और दलालों को 3 फीसदी दलाली (ब्रोकरेज) दिया जाता है।

4) फलोदी सट्टा बाजार के सटीक अनुमान?
फलोदी सट्टा बाजार के अनुमान कई बार बिल्कुल सटीक निकले हैं। सटोरिए खबरें पढ़ते हैं, न्यूजपेपर और मीडिया रिपोर्ट्स को ध्यान से देखते हैं। पार्टी के नेताओं की रैलियों पर नजर रखते हैं और लोगों के साथ चर्चा करते हैं। इन सभी बातों पर विचार करने के बाद वे सामूहिक विचार तैयार करते हैं और रुझान तय करते हैं। चुनाव नतीजों को लेकर जीत-हार के दावे इसी आधार पर तय होते हैं।

5) शेयर मार्केट पर भी फलोदी की पकड़?
फलोदी सट्टा बाजार की शेयर मार्केट पर भी मजबूत पकड़ है। यहां के करीब 300 लोग शेयर मार्केट में काम करते हैं और उनके अनुमानों के आधार पर मार्केट में उतार-चढ़ाव आता है, जिससे लोग पैसे कमाते हैं।

6) फलोदी सट्टा बाजार की भविष्यवाणी?
पिछले कर्नाटक विधानसभा चुनाव में फलोदी के सटोरियों ने कांग्रेस को 137 सीटें दी थीं और कांग्रेस को 136 सीटें मिलीं। गुजरात चुनाव में भाजपा की वापसी का अनुमान सही साबित हुआ और हिमाचल में कांटे की टक्कर में कांग्रेस को बढ़त मिली थी, जिसमें कांग्रेस ने सरकार बनाई।

7) फलोदी सट्टा बाजार का क्या है इतिहास?
फलोदी सट्टा बाजार का इतिहास करीब 450-500 साल पुराना है। यह बाजार अपने कारनामों को लेकर दुनियाभर में मशहूर है। इस गांव में कई सीए और जज भी हैं, जो अन्य शहरों में नौकरी कर रहे हैं। फलोदी का अनोखा और पुराना इतिहास इसे एक खास पहचान देता है।

(Disclaimer: देश में सट्टेबाजी गैर-कानूनी है। इसमें जीत-हार की कोई गारंटी नहीं होती है। सट्टा किंग में पैसे लगाना जोखिमों के अधीन है। ऐसे में किसी भी प्रकार के सट्टा या जुआ में रकम लगाने से पहले अपने विवेक का इस्तेमाल करें। उपरोक्त लेख केवल जानकारी के लिए है, हरिभूमि डिजिटल किसी भी प्रकार की सट्टेबाजी और हार-जीत के दावों को प्रमोट नहीं करता है)