MDH, Everest row: भारतीय मसाला ब्रांड एमडीएच और एवरेस्ट के कुछ प्रोडक्ट्स पर विदेशों में प्रतिबंध लगने के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है। हांगकांग, सिंगापुर के बाद ऑस्ट्रेलिया में भी इंडियन स्पाइस ब्रांच जांच एजेंसियों (FSANZ) की रडार पर हैं। अमेरिका ने भारतीय मसाला उत्पादों के कुछ शिपमेंट रोक दिए थे। ऐसे में भारत के सामने मसाला उत्पादों के एक्सपोर्ट का संकट खड़ा हो गया है। इसबीच, केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश जारी किए हैं। जिसमें उन्हें मसाले जैसे जरूरी वस्तुओं के क्वालिटी टेस्ट का आदेश दिया है।
हांगकांग और सिंगापुर की एजेंसियों ने किए थे दावे
देश में फूड आइटम्स के लगातार सैंपल लेने के बावजूद मसाला बोर्ड और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) जैसे निकायों से कोई स्पष्ट फैसला नहीं मिला। अब एमडीएच और एवरेस्ट के कुछ मसाला मिक्सचर्स के क्वालिटी एश्योरेंस पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। हांगकांग और सिंगापुर की एजेंसियों ने दावा किया है कि दोनों भारतीय मसाला ब्रांड के प्रोडक्ट्स में
कार्सिनोजेनिक केमिकल एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा मिली। साथ ही इनमें साल्मोनेला बैक्टीरिया भी पाया गया है, जो पेट संबंधी कई बीमारियों के लिए जिम्मेदार है।
उत्तराखंड में मसाला फैक्ट्रियों से लिए जा रहे सैंपल
इन चिंताओं से छुटकारा पाने के लिए उत्तराखंड के फूड सेफ्टी कमिश्नर डॉ. आर. राजेश कुमार ने लोकल लेवल पर बन रहे सभी मसालों का बारीकी से परीक्षण जरूरी कर दिया है। कुमार ने बताया कि हमने राज्य के सभी 13 जिलों के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को मसालों के क्वालिटी चेक के लिए मसाला फैक्ट्रियों से सैंपल कलेक्ट करने के निर्देश दिए हैं। उत्तराखंड में 50 से ज्यादा मसाला प्रोडक्शन यूनिट हैं। इस आदेश का उद्देश्य प्रोडक्ट्स की क्वालिटी के हाई स्टैंडर्ड को सुनिश्चित करना है।
अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में एक्सपोर्ट पर संकट
भारतीय मसाला कंपनियों के खिलाफ बने वैश्विक माहौल से निर्यात (एक्सपोर्ट) को लेकर सरकार चिंता में है। एमडीएच और एवरेस्ट जैसे प्रमुख मसाला दिग्गजों पर शिकंजा कसने से जोखिम बहुत बड़ा है। एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के 50 फीसदी से ज्यादा मसाला एक्सपोर्टर्स को ख़तरे का सामना करना पड़ सकता है। मसाला इंडस्ट्री की साख बचाने के लिए तत्काल कार्रवाई जरूरी है। अमेरिका ने साल्मोनेला बैक्टीरिया के खतरे से निपटने के लिए शिपमेंट लौटा दिए। जबकि, ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड भी भारतीय कंपनियों एमडीएच और एवरेस्ट के प्रोडक्ट्स को वापस लौटा सकता है।