Wheat Stock Declaration: केंद्र सरकार ने किसानों को फसल का उचित मूल्य दिलाने की दिशा में शुक्रवार को अहम फैसला लिया है। मोदी सरकार ने गेहूं की जमाखोरी और भाव पर सट्टेबाजी को रोकने के लिए व्यापारियों को निर्देश दिया है कि वे आधिकारिक पोर्टल पर अपने स्टॉक की स्थिति घोषित करें। यह आदेश देशभर में गेहूं के सभी खुदरा और थोक व्यापारियों पर लागू होगा और उन्हें 1 अप्रैल से स्टॉक की डिटेल पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। आदेश के मुताबिक, व्यापारियों को अगले आदेश तक हर शुक्रवार को स्टॉक का स्टेटस अपडेट करना पड़ेगा।
बता दें कि सरकार ने साल 2024-25 में 300 से 320 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य तय किया है। वहीं, पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में करीब 260 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी जबकि, टारगेट करीब 341 लाख टन का था।
देशभर के इन व्यापारियों पर लागू होगा आदेश
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने कहा- हम देशभर में कीमतों को नियंत्रित करने और उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं और चावल के स्टॉक पर बारीकी से मॉनीटरिंग कर रहे हैं। स्टॉक डिटेल पब्लिक करने का यह आदेश सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के व्यापारियों/थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं और प्रोसेसरों पर लागू होगा। सभी कानूनी संस्थाओं को सुनिश्चित करना होगा कि पोर्टल पर नियमित और नियमानुसार स्टॉक की जानकारी अपडेट की जाए।
31 मार्च को खत्म हो रही गेहूं-चावल की स्टॉक लिमिट
नए आदेश के मुताबिक, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में संस्थाओं के लिए गेहूं स्टॉक लिमिट 31 मार्च को खत्म हो रही है। जिसके बाद इन संस्थाओं को आधिकारिक पोर्टल पर गेहूं के स्टॉक का खुलासा करना पड़ेगा। सभी कैटेगरी की संस्थाओं द्वारा चावल के स्टॉक की डिटेल पहले ही अपडेट की जा रही है। अगर कोई संस्था पोर्टल पर रजिस्टर नहीं है तो वह खुद को रजिस्टर कर सकती है। इसके बाद हर शुक्रवार को गेहूं और चावल के स्टॉक की डिटेल अपलोड करना शुरू कर सकती है। अब सभी संस्थाओं को दोनों फसलों का स्टॉक पोर्टल पर नियमित तौर पर घोषित करना होगा।