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RBI Report: भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर नगर निगमों के पास अपने खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त रेवेन्यू सोर्स नहीं होते, जिससे उनकी कार्यक्षमता और स्वायत्तता पर असर पड़ता है।

RBI Report: देशभर के नगर निगमों को अपने राजस्व (रेवेन्यू) सोर्स में सुधार करने की जरूरत है। यह सुझाव भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की एक रिपोर्ट में सामने आया है। पिछले दिनों जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि नगर निगमों को संपत्ति कर (Property Tax) में सुधार, उपभोक्ता शुल्क (कंज्यूमर फीस) का तर्कसंगत निर्धारण और कलेक्शन सिस्टम को मजबूत बनाकर अपनी आय बढ़ानी चाहिए। संपत्ति कर, जो सिविक बॉडी का प्रमुख रेवेन्यू सोर्स है, को प्रॉपर्टी के सही वैल्यूएशन के आधार पर ज्यादा लचीला बनाया जा सकता है।

नगर निगमों को आरबीआई ने दी खास सलाह

  • RBI की 'नगर निगम वित्त पर रिपोर्ट' के मुताबिक, बढ़ती शहरी जनसंख्या के साथ शहरी क्षेत्रों में हाई क्वालिटी पब्लिक सर्विसेस की मांग तेजी से बढ़ रही है। रिपोर्ट ने नगर निगमों को उपभोक्ता शुल्क को तार्किक बनाने और डिफॉल्ट को रोकने के लिए असरदार कलेक्शन सिस्टम अपनाने की सलाह दी है।
  • हालांकि, नगर निगमों के राजस्व खाते में अधिशेष रहता है, लेकिन वे राज्य सरकार से मिलने वाले अनुदानों और शुल्कों पर अत्यधिक निर्भर रहते हैं। ज्यादातर नगर निगमों के पास अपने खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त रेवेन्यू सोर्स नहीं होते, जिससे उनकी कार्यक्षमता और स्वायत्तता पर असर पड़ता है।

देश के 232 नगर निगमों के बजट का एनालिसिस
RBI ने "नगर निगमों के राजस्व सृजन के अपने सोर्स: अवसर और चुनौतियां" शीर्षक से रिपोर्ट जारी की है, जिसमें देश के 232 नगर निगमों के बजट आंकड़ों का एनालिसिस किया गया है। ये नगर निगम देश के कुल नगर निगमों का 90% से ज्यादा हिस्सा रखते हैं। मार्च 2024 में खत्म वित्त वर्ष में नगर निगमों की रेवेन्यू कलेक्शन सालाना आधार पर 20.1% बढ़कर 1.7 लाख करोड़ रुपए हो गया। इससे पहले के वित्तीय वर्ष में रेवेन्यू 1.42 लाख करोड़ रुपए और वित्तीय वर्ष 2022 में 1.37 लाख करोड़ रुपए था।

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