I-T Department: बजट प्रपोजल में विदेशी यात्रा (फॉरेन ट्रिप) के लिए टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट को अनिवार्य करने को लेकर सोशल मीडिया पर नाराजगी जाहिर की जा रही है। इसबीच, केंद्र सरकार ने रविवार को साफ किया कि यह प्रस्तावित संशोधन सभी भारतीय नागरिकों पर लागू नहीं होता है। सिर्फ उन्हीं लोगों को टैक्स क्लियरेंस चाहिए, जो वित्तीय अनियमितताओं के आरोपी हैं या जिन पर बड़ी टैक्स रकम बकाया है।
बता दें कि वित्त मंत्रालय ने वित्त विधेयक, 2024 में ब्लैक मनी एक्ट, 2015 का संदर्भ जोड़ने का प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत किसी भी व्यक्ति को टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए अपनी देनदारियों को स्पष्ट करना होगा।
वित्त मंत्रालय ने बताया किसे टैक्स सर्टिफिकेट जरूरी"
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "प्रस्तावित संशोधन में सभी नागरिकों को टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट हासिल करने की जरूरत नहीं है।" आयकर अधिनियम की धारा 230 के मुताबिक, हर व्यक्ति को टैक्स क्लियरेंस दस्तावेज की आवश्यकता नहीं है। केवल कुछ विशेष परिस्थितियों में ही लोगों को यह सर्टिफिकेट लेना पड़ेगा।
टैक्स सर्टिफिकेट किन परिस्थितियों में लेना पड़ेगा?
2004 के एक नोटिफिकेशन के अनुसार, वित्त मंत्रालय ने बताया कि आयकर विभाग ने यह निर्धारित किया है कि केवल कुछ परिस्थितियों में ही भारत में रहने वाले लोगों को टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट लेने की आवश्यकता हो सकती है। जैसे- व्यक्ति गंभीर वित्तीय अनियमितताओं में शामिल है और आयकर अधिनियम या धनकर अधिनियम के तहत मामलों की जांच में उसकी मौजूदगी जरूरी है, या जब व्यक्ति के खिलाफ 10 लाख रुपए से ज्यादा की डायरेक्ट टैक्स देनदारी है। जो किसी भी प्राधिकरण द्वारा स्थगित नहीं की गई है।
इनकम टैक्स ट्रीब्यूनल जारी करेगा प्रमाणपत्र
आयकर विभाग ने कहा कि किसी व्यक्ति को टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए तभी कहा जा सकता है जब इसके लिए वाजिब कारण दर्ज हों और प्रधान मुख्य आयुक्त या आयकर आयुक्त से अनुमोदन हासिल किया जाए। आयकर प्राधिकरण इन नागरिकों को यह प्रमाणपत्र जारी करेंगे, जिसमें यह लिखा होगा कि उक्त व्यक्ति पर कोई टैक्स देनदारी नहीं है।