Ola CEO विवाद: भाविश अग्रवाल माइक्रोसॉफ्ट से खफा, बोले- डेटा यूज कर पैसा कमाए और हमें ही देते हैं लेक्चर

Ola CEO कंट्रोवर्सी: इसकी शुरुआत लिंक्डइन द्वारा ओला सीईओ की एक पोस्ट हटाने से शुरू हुई। अग्रवाल ने इसमें लिंक्डइन द्वारा एआई के जरिए "भारतीय यूजर्स पर एक राजनीतिक विचारधारा थोपने" का आरोप लगाया था।;

Update:2024-05-13 18:57 IST
Ola CEO Bhavish AggarwalOla CEO Bhavish Aggarwal
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Ola CEO कंट्रोवर्सी: भारतीय मोबिटिलिटी कंपनी ओला ने माइक्रोसॉफ्ट के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। सोमवार को Ola CEO भाविश अग्रवाल ने कहा कि अब हमारी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट की सहयोगी कंपनी LinkedIn की सेवाओं का लाभ नहीं उठाएगी। इसके अलावा ओला एक हफ्ते के अंदर अपना पूरा कार्यभार कार्यभार घरेलू आर्टिफिशियल क्लाउड पर ट्रांसफर कर देगी। अग्रवाल ने डेवलपर्स को एज्योर छोड़ने और अपनी टीम में शामिल होने के लिए न्यौता भी दे दिया है।  

क्या है ओला-माइक्रोसॉफ्ट कंट्रोवर्सी?

  • इस कंट्रोवर्सी की शुरुआत लिंक्डइन द्वारा ओला सीईओ की एक पोस्ट को हटाने से शुरू हुई थी। अग्रवाल ने इस पोस्ट में लिंक्डइन द्वारा एआई के जरिए "भारतीय यूजर्स पर एक राजनीतिक विचारधारा थोपने" का आरोप लगाया था। उन्होंने जनरेटिव AI प्रोसेस का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया। इसमें अग्रवाल के बारे में बताने के लिए "वे और उनके" जैसे सर्वनाम लिखे गए थे।
  • ओला सीईओ ने कहा था- मुझे उम्मीद है कि यह प्रथा भारत तक नहीं पहुंचेगी। अग्रवाल ने इंडियन डेवलपर कम्युनिटी से डीपीआई (डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर) सोशल मीडिया इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने का आह्वान किया है। उन्होंने यूपीआई, ओएनडीसी और आधार जैसे भारतीय डीपीआई की तारीफ की। ओला सीईओ ने कहा कि इसमें सिर्फ कम्युनिटी गाइडलाइन शामिल की गई हैं। 

'डेटा का मालिकाना हक क्रिएटर्स के पास हो' 
उन्होंने लिंक्डइन के संदर्भ में कहा- किसी भी कॉरपोरेट को यह तय करने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए कि किस चीज पर प्रतिबंध लगाया जाए, किस पर नहीं। डेटा का मालिकाना हक क्रिएटर्स के पास होना चाहिए, न कि कॉरपोरेट्स के स्वामित्व में, जो हमारे डेटा का उपयोग करके पैसा कमाते हैं और फिर हमें 'कम्युनिटी गाइडलाइन' को लेकर लेक्चर देते हैं।

वर्कलोड कृत्रिम क्लाउड पर ट्रांसफर करेगी ओला
अग्रवाल ने आगे लिखा- चूंकि लिंक्डइन का स्वामित्व माइक्रोसॉफ्ट के पास है और ओला एज्योर का एक बड़ा ग्राहक है। इसलिए हमने हफ्तेभर में अपने पूरे वर्कलोड को एज्योर से खुद के कृत्रिम क्लाउड पर ट्रांसफर करने का फैसला लिया है। मैं ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनियों के खिलाफ नहीं हूं। लेकिन एक भारतीय नागरिक के तौर पर मुझे चिंता है कि ऐसा नहीं करने से मेरी लाइफ पर वेस्टर्न बिग टेक का एकाधिकार हो जाएगा, जैसा कि हालिया अनुभव से अहसास हो चुका है।

डेवलपर्स को एज्योर छोड़ने और टीम में आने का न्यौता 
व्यंग्यात्मक लहजे में कमेंट करते हुए सीईओ भाविश अग्रवाल ने डेवलपर्स को एज्योर छोड़ने और अपनी टीम में शामिल होने के लिए न्यौता भी दे दिया है। उन्होंने लिखा- कोई अन्य डेवलपर जो एज्योर से बाहर जाना चाहता है, हम उसे पूरे एक साल के लिए मुफ्त क्लाउड इस्तेमाल करने की पेशकश करेंगे। अगर उसके बाद वह एज्योर पर वापस नहीं जाता है तो हमें exitazure@olakrutrim.com पर मेल करें। ऑफर ओपन है। 

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