Paytm Payment Bank: पेटीएम पेमेंट्स बैंक धन शोधन रोधक कानून (PMLA) के तहत संदिग्ध लेनदेन का पता लगाने और इसकी सूचना देने में पूरी तरह से नाकाम रहा है। फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) ने अपनी रिपोर्ट में यह खुलासा किया है। साथ ही कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने अपनी पेमेंट सर्विस में उचित जांच प्रक्रिया का पालन नहीं किया। जिसके कारण फिनटेक कंपनी पर 5.49 करोड़ रुपए जुर्माना भी लगाया गया है।

FIU की रिपोर्ट के मुताबिक, पेटीएम बैंक के खिलाफ 4 से ज्यादा जांचों के बाद संदिग्ध गतिविधियों की पुष्टि हुई है, जिसके आधार पर जुर्माना की कार्रवाई की गई। मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों की शुरुआत 2020 में हुई थी। जब भारत के अलावा विदेश से जुड़े कुछ लोगों के गठजोड़ के तहत बैंक ने विदेशी अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया। हालांकि, पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने आरोपों का खंडन किया है। बैंक ने बताया कि जुर्माना एक बिजनेस पार्ट से जुड़ा है, जिसे दो साल पहले बंद कर किया जा चुका है। (ये भी पढ़ें... सीईओ विजय शेखर ने बताया पेमेंट्स बैंक पर बैन से मिला क्या सबक, कहा- Paytm को एशिया में अग्रणी बनाएंगे)

15 मार्च के बाद Paytm पर लागू होंगे प्रतिबंध 
बता दें कि विजय शेखर शर्मा ने फरवरी में पेटीएम पेमेंट्स बैंक के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था, जिसके करीब महीनेभर बाद आरबीआई ने बैंक को अपने कस्टमर अकाउंट्स या ऑनलाइन वॉलेट में नए डिपॉजिट पर रोक लगाई थी। इसके बाद पेटीएम के शेयरों में भारी गिरावट आई। पिछले दिनों एक केंद्रीय एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कंपनी पर 5 करोड़ रुपए से अधिक का जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने 15 मार्च के बाद पेटीएम पर प्रतिबंधों लागू करने की डेडलाइन जारी की है।