Pension Rules Changes: लोकसभा चुनाव से पहले आम बजट पेश होने में अब सिर्फ 3 हफ्ते का ही वक्त बचा है। केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगियों को बजट में मोदी सरकार से कई उम्मीदें हैं। पेंशन योजना में बदलाव की चर्चा भी जोर-शोर से चल रही है। अब इस बारे में PFRDA यानी पेंशन कोष नियामक व विकास प्राधिकरण के चेयरमैन दीपक मोहंती ने बजट से पहले बड़े बदलाव की मांग की है। मोहंती ने कहा है कि अब भविष्य निधि कोष (PF) के जैसे ही NPS (नेशनल पेंशन योजना) में समान योगदान देने वाली कंपनियों को टैक्स में समान अवसर मिलने चाहिए।
आखिर क्या बोले PFRDA चैयरमेन?
PFRDA अध्यक्ष के मुताबिक, अभी कर्मचारियों के भविष्य निधि कोष में कर मुक्त यानी टैक्स फ्री योगदान 12 फीसदी है। जबकि नेशनल पेंशन सिस्टम चुनने वालों के लिए यह योगदान 10 फीसदी है। भविष्य में इन दोनों में एक समान अवसर प्रदान किया जाए। ताकि इससे पेंशन उत्पादों को बढ़ावा मिलने में मदद मिल सके। इससे लोगों की पेंशन की स्वीकार्यता बढ़ने की उम्मीद है, जो 14% तक ले जाने की उम्मीद है। मोहंती पिछले दिनों एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुंबई गए थे। यहां कार्यक्रम से इतर उन्होंने एनपीएस को लेकर मीडिया से बात की।
PF मेंबर्स की संख्या बढ़ने की उम्मीद
मोहंती ने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में 5.3 लाख रजिस्ट्रेशन हुए, जिसमें 99,977 कॉरपोरेट और 4,29,187 नागरिक शामिल हैं। इस फाइनेंशियल ईयर में 13 लाख लोगों के रजिस्ट्रेशन करने का टारगेट रखा है। चौथी तिमाही में लोगों के बचत के ऑप्शन तलाशने के कारण रजिस्ट्रेशन बढ़ने की उम्मीद है। दिसंबर, 2023 तक AUM यानी एसेट अंडर मैनेजमेंट के तहत सदस्यों की संख्या 51 लाख थी, जबकि इसके अंतर्गत मूल्य 2.04 लाख करोड़ रुपए था। अथॉरिटी को उम्मीद है कि मार्च, 2024 के आखिर तक मेंबर्स की संख्या बढ़कर 55 लाख हो सकती है और इसका मूल्य बढ़कर 2.20 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा।
सरकारी कर्मचारियों की तरह मिले फायदा
अभी प्राइवेट सेक्टर में ईपीएफ नियमों के तहत बेसिक सैलरी व महंगाई भत्ते के 12% के बराबर तक के योगदान को टैक्स से छूट दी जाती है। इसे सरकारी कर्मचारियों के लिए बेसिक सैलरी के 14% तक जाना चाहिए।
अभी क्या कहता है इनकम टैक्स कानून?
मौजूदा नियमों के तहत एम्पलॉयर अपने कर्मचारी की बेसिक सैलरी के 10% तक के NPS में योगदान को बिजनेस एक्सपेंस के रूप में दिखा सकता है। इससे उन्हें इनकम टैक्स में राहत मिलती है, वहीं कर्मचारी भी आयकर अधिनियम की धारा 80 सीसीडी (2) के तहत सैलरी के 10 फीसदी के बराबर एम्पलॉयर के योगदान पर टैक्स के फायदे ले सकते हैं। जो नई और पुरानी दोनों कर व्यवस्था में मिलता है।