PMAY Subsidy: प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) का दूसरा चरण हाल ही में शुरू हुआ है, जिसमें पात्र लोगों को क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) के तहत होम लोन पर रियायत मिलती है। हालांकि, कई लोगों को यह जानकारी नहीं है कि योजना की कुछ शर्तों के उल्लंघन पर सरकार यह सब्सिडी वापस ले सकती है। अगर ऐसा हुआ तो आपकी होम लोन की ईएमआई बढ़ेगी और जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है। 

केंद्र सरकार 3 हालात में सब्सिडी वापस ले सकती है:

1) लोन एनपीए बनने पर

अगर लोन लेने वाला व्यक्ति बैंक को किस्तों का भुगतान नहीं कर पाता और लोन एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट) बन जाता है, तो सरकार सब्सिडी वापस ले सकती है।

2) मकान का निर्माण रुकने पर
अगर मकान का निर्माण किसी कारणवश रुक जाता है, तो सब्सिडी की रकम सरकार को लौटानी होगी।

3) मकान के उपयोग का प्रमाण पत्र जमा न करने पर
लोन लेने वाले को मकान का निर्माण पूरा होने के बाद एक साल के अंदर या अधिकतम 36 महीनों में उपयोग प्रमाण पत्र बैंक में जमा करना होता है। अगर यह प्रमाण पत्र समय पर नहीं जमा किया जाता, तो सब्सिडी वापस ली जा सकती है।

सब्सिडी वापस होने पर ईएमआई बढ़ेगी
यदि सब्सिडी वापस ली जाती है, तो लोन की ब्याज दर बढ़ जाती है और परिणामस्वरूप ईएमआई भी बढ़ जाती है। इससे कर्जदार पर वित्तीय बोझ बढ़ सकता है।

एक परिवार में केवल एक बार सब्सिडी
इस योजना के तहत परिवार (पति, पत्नी और अविवाहित बच्चे) को केवल एक बार ही सब्सिडी दी जाती है।

मौजूदा होम लोन पर सब्सिडी नहीं मिलती
अगर पहले से कोई होम लोन चल रहा है, तो उस पर पीएमएवाई की सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा। यह योजना केवल उन लोगों के लिए है जो पहली बार मकान खरीद रहे हैं।

इन नियमों का पालन करके आप पीएम आवास योजना का पूरा लाभ उठा सकते हैं और सब्सिडी वापस होने जैसी समस्याओं से बच सकते हैं।