PMIS Scheme: अगर आप खुद को नौकरी बाजार (जॉब मार्केट) के लिए तैयार करना चाहते हैं तो इसके लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना (PMIS) शुरू की है। ध्यान रहे कि स्कीम का लाभ लेने के लिए सिर्फ 4 दिन शेष हैं। युवाओं के पास PMIS स्कीम के तहत रजिस्ट्रेशन करने की आखिरी तारीख 10 नवंबर है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने बताया कि इस 12-महीने के प्रोग्राम में युवाओं को व्यावहारिक प्रशिक्षण (प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस) और मासिक स्टाइपेंड मिलेगा।
PMIS स्कीम क्या है?
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीएमआईएस स्कीम की घोषणा 23 जुलाई के बजट भाषण में की थी और इसे 3 अक्टूबर से शुरू किया गया है। इस योजना का उद्देश्य 2 चरणों में पांच साल में 1 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित करना है। इंटर्नशिप का 50% से अधिक समय प्रैक्टिकल वर्क एक्सपीरियंस पर बेस्ड होगा।
- PMIS के अंतर्गत इंटर्न्स को हर महीने 5,000 रुपये का स्टाइपेंड दिया जाएगा। इस राशि में 500 रुपए कंपनी द्वारा और 4,500 रुपए सरकार की ओर से दिए जाएंगे। इसके अलावा, इंटर्नशिप में होने वाले अन्य खर्चों को कवर करने के लिए 6,000 रुपए का एक बार का अनुदान (ग्रांट) भी मिलेगा।
कंपनियां और इंटर्नशिप के अवसर
PMIS योजना के तहत लार्सन एंड टूब्रो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, टेक महिंद्रा, एलेम्बिक फार्मास्युटिकल्स, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस, आयशर मोटर और श्रीराम फाइनेंस जैसी प्रमुख कंपनियां इंटर्नशिप दे रही हैं। सबसे अधिक इंटर्नशिप के मौके महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, कर्नाटक, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में उपलब्ध हैं, जो देश के 745 जिलों में फैले हुए हैं।
PMIS स्कीम के क्या हैं फायदे?
इस योजना के जरिए इंटर्न्स को वास्तविक कार्यस्थल में काम करने का व्यावहारिक अनुभव मिलेगा। स्टाइपेंड से वे अपने खर्च पूरे कर सकेंगे। इस अनुभव से उनकी रोज़गार क्षमता में सुधार होगा और भविष्य में नौकरी पाने के अवसर बढ़ेंगे।
PMIS के लिए कैसे करें अप्लाई?
- सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट pminternship.mca.gov.in पर जाएं।
- होमपेज पर रजिस्टर ऑप्शन पर क्लिक करें, जिससे नया पेज खुलेगा।
- रजिस्ट्रेशन डिटेल और जरूरी दस्तावेज सबमिट करें। रजिस्ट्रेशन बिल्कुल फ्री है।
- इसके बाद उम्मीदवार अपनी पसंद के अनुसार 5 अवसरों के लिए आवेदन कर सकता है।
यह योजना देश के युवाओं के करियर को आगे बढ़ाने का एक अच्छा अवसर प्रदान करती है, जिसमें उन्हें प्रशिक्षण के साथ-साथ स्टाइपेंड का भी फायदा मिलता है।