PPF Loan: अगर आपको जरूरी कामों के लिए पैसों की आवश्यकता है तो पीपीएफ (PPF) यानी पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (Public Provident Fund) भी लोन का एक ऑप्शन हो सकता है। पर्सनल लोन की तुलना में यह सस्ता (ब्याज दर 8.1 फीसदी) जरूर है, लेकिन फिर भी पीपीएफ लोन आपके लिए फायदे का सौदा साबित नहीं होगा। पीपीएफ लोन लेने के लिए कुछ भी गिरवी रखने तक की जरूरत नहीं है। आइए, 5 प्वाइंट में जानते हैं पीपीएफ लोन के फायदे और नुकसान...
यह बेहतर होगा कि आप अपनी जरूरतों के अनुसार अन्य लोन विकल्पों पर विचार करें, जैसे पर्सनल लोन, एफडी पर लोन या गोल्ड लोन।
1) सस्ता लेकिन सीमित
पीपीएफ से लोन लेना पर्सनल लोन के मुकाबले सस्ता है। फिलहाल PPF लोन की ब्याज दर 8.1% (पीपीएफ में जमा धनराशि पर 7.1% इंटरेस्ट + 1%) है, जबकि पर्सनल लोन के लिए यह दर 10% से ऊपर हो सकती है। साथ ही पीपीएफ पर लोन लेने के लिए कोई संपत्ति गिरवी रखने की जरूरत नहीं है।
2) टैक्स-फ्री ब्याज
पीपीएफ में निवेश पर ट्रिपल टैक्स बेनिफिट मिलता है- जमा, ब्याज और निकासी तीनों पर टैक्स में छूट। अगर आप टैक्स ब्रैकेट में हैं, तो पीपीएफ का ब्याज दर और भी फायदेमंद होता है। 20% टैक्स ब्रैकेट में यह दर 8.52% और 30% टैक्स ब्रैकेट में 9.23% के बराबर हो जाती है।
3) ब्याज की कंपाउंडिंग
पीपीएफ में ब्याज की कंपाउंडिंग होती है, जिससे आपको लंबी अवधि में अधिक रिटर्न मिलता है। 15 साल की मैच्योरिटी अवधि और उसके बाद 5-5 साल के ब्लॉक में विस्तार का ऑप्शन होता है। लोन लेने से कंपाउंडिंग पर असर पड़ता है, जिससे रिटर्न कम हो जाता है।
4) लोन रकम की सीमा
पीपीएफ में एक वित्त वर्ष में अधिकतम निवेश सीमा 1.5 लाख रुपए है। तीसरे, चौथे, पांचवें और छठे वित्त वर्ष में लोन की अधिकतम राशि क्रमशः 40,136 रुपए, 83,177 रुपए, 1,29,245 रुपए और 1,78,583 रुपए हो सकती है। अगर आपने प्रति वर्ष अधिकतम निवेश किया हो। कम निवेश पर लोन की राशि और कम हो जाती है।
5) लोन चुकाने की अवधि
पीपीएफ से लोन लेने पर 36 महीने के अंदर लोन की राशि (प्रिंसिपल अमाउंट) चुकानी होती है, जबकि ब्याज अधिकतम दो मासिक किस्तों में चुकाया जा सकता है। पर्सनल लोन की अवधि 6 साल तक हो सकती है। इसलिए, अगर आपको लोन चुकाने में अधिक समय चाहिए, तो पर्सनल लोन बेहतर विकल्प हो सकता है।