UPI Limit: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए अस्पतालों और एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के लिए यूपीआई भुगतान (UPI Payment) की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की घोषणा कर दी है। रिजर्व बैंक के गवर्नर (RBI Governer)शक्तिकांत दास ने दिसंबर की द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस में लेन-देन की अलग-अलग कैटेगरीज़ की लिमिट की समय-समय पर समीक्षा की गई है, इसके बाद यूपीआई पेमेंट लिमिट बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है।
उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत
आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों में यूपीआई से पेमेंट की लिमिट बढ़ाए जाने से उपभोक्ताओं को काफी राहत मिलेगी। वे एजुकेशन और हेल्थकेयर के लिए ज्यादा राशि आसानी से यूपीआई की मदद से भेज सकेंगे।
फिलहाल ये है यूपीआई ट्रांजेक्शन लिमिट्स
नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक नॉर्मल पेमेंट्स के लिए प्रति यूपीआई ट्रांजेक्शन की लिमिट एक लाख रुपये तक है। यूपीआई लेन-देन की कुछ खास कैटेगिरी जैसे कैपिटल मार्केट, कलेक्शन, इंश्योरेंस और फॉरेन इनवार्ड रेमिटेंस में यूपीआई ट्रांजेक्शन लिमिट प्रति लेन-देन 2 लाख रुपये तक रखी गई है। इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) और रिटेल डायरेक्ट स्कीम के तहत एक बार में पांच लाख रुपये तक लेन-देन किया जा सकता है।
रिकरिंग पेमेंट्स की बढ़ी लिमिट
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने डिजिटल पेमेंट्स से जुड़ी एक और बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि म्युचुअल फंड्स, इंश्योरेस प्रीमियम्स और क्रेडिट कार्ड पेमेंट्स के रिकरिंग पेमेंट्स के लिए ई-मेंडेट की वर्तमान लिमिट को 15 हजार से बढ़ाकर 1 लाख किया गया है।
बता दें कि डिजिटल इंडिया के तरह देशभर में यूपीआई पेमेंट्स में बेहद तेज गति से इजाफा हुआ है। अब इस सुविधा का लाभ हर वर्ग आसानी से उठाने लगा है। ऐसे में यूपीआई लेन-देन में होने वाले किसी भी तरह के बदलाव का सीधा असर आम जनता पर दिखाई देता है।