RBI Intrest Rates: देशभर में बढ़ती महंगाई के बीच आम जनता को ब्याज दरों में कटौती की सौगात मिल सकती है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को ब्याज दरों में कटौती करनी चाहिए। वे गुरुवार (14 नवंबर) को CNBC-TV18 के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी प्रतिक्रिया दी है।
ये सरकार की नहीं, मेरी व्यक्तिगत राय है: पीयूष गोयल
केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा, “RBI को ब्याज दरें (Intrest Rates) घटानी चाहिए। इस पर फैसला लेते समय खाद्य महंगाई (फूड इन्फ्लेशन) पर ध्यान देना एक गलत सिद्धांत है। यह मेरी व्यक्तिगत राय है, न कि सरकार की।” उन्होंने अगले महीने दिसंबर तक महंगाई दर में गिरावट की उम्मीद जताई है। गोयल ने बताया कि "मोदी सरकार के कार्यकाल में महंगाई दर आजादी के बाद से सबसे कम रही है।''
शेयर बाजार में पिछले दिनों FII बिकवाली पर गोयल ने कहा, "निवेशकों को दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और सिर्फ कंपनियों के तिमाही आंकड़ों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।"
ब्याज दरों में कटौती करना "असमय और बहुत जोखिमपूर्ण": गवर्नर
उधर, केंद्रीय मंत्री गोयल की ब्याज दरें घटाने की सलाह पर RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंकरों के लिए यह चुनौती हमेशा रही है कि वे "या तो बहुत कम और बहुत देर से करें या फिर बहुत अधिक और बहुत जल्दी।" अक्टूबर में आरबीआई गवर्नर ने कहा था कि इस समय ब्याज दरों में कटौती करना "असमय और बहुत जोखिमपूर्ण" होगा। पिछली मौद्रिक नीति बैठक में रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखा गया था, जबकि नीति का रुख "तटस्थ" रखा गया था।
अक्टूबर में खुदरा महंगाई 14 माह के सर्वोच्च स्तर पर
अक्टूबर में भारत की खुदरा महंगाई (रिटेल इन्फ्लेशन) 14 महीने के उच्च स्तर 6.21% पर पहुंच गई, जो मुख्य रूप से सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण हुई। RBI ने महंगाई को 2%-6% के बीच रखने का लक्ष्य रखा है, जबकि मध्यम अवधि का लक्ष्य 4% है। सितंबर में महंगाई दर 5.49% थी, जो पिछले 9 महीने में सबसे अधिक थी। खाद्य वस्तुओं की वार्षिक महंगाई, जो कंज्यूमर बास्केट का करीब आधा हिस्सा है, सितंबर के 9.24% से बढ़कर अक्टूबर में 10.87% पर पहुंच गई।