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Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर बड़ी राहत दी है। रेपो रेट को 0.25% घटाकर 6% कर दिया गया है। यानी आने वाले दिनों में होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन पर ब्याज दरें कम हो सकती हैं और आपकी EMI भी घटेगी। RBI के इस फैसले से हाउसिंग डिमांड बढ़ सकती है। बैंक जब सस्ते ब्याज पर फंडिंग लेते हैं, तो ग्राहकों को भी उसी अनुपात में सस्ते लोन मिलते हैं। इससे लोग घर खरीदने, कार लेने या बिजनेस शुरू करने के लिए ज्यादा प्रेरित होंगे।

रेपो रेट क्या होता है? 
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है। जब रेपो रेट घटती है, तो बैंकों को सस्ते में कर्ज मिलता है। इससे बैंक अपने ग्राहकों को भी कम ब्याज पर लोन देना शुरू कर देते हैं। यानी आपकी EMI कम हो जाती है और लोन लेना आसान हो जाता है।

RBI क्यों घटाता या बढ़ाता है रेपो रेट?
रेपो रेट को महंगाई और इकोनॉमिक ग्रोथ को बैलेंस करने के लिए बदला जाता है। जब महंगाई बढ़ती है, तो RBI रेपो रेट बढ़ाकर मनी फ्लो कम करता है। जब इकोनॉमी को बूस्ट चाहिए होता है, तो रेपो रेट घटा दी जाती है ताकि खर्च और निवेश बढ़े।

RBI गवर्नर ने कही ये 8 बड़ी बातें:

  1. रेपो रेट 6% करने के पक्ष में सभी ने वोट किया।
  2. पॉलिसी स्टांस को न्यूट्रल से अकोमोडेटिव किया गया।
  3. ट्रेड फ्रिक्शन से घरेलू ग्रोथ प्रभावित हो सकती है।
  4. हायर टैरिफ का एक्सपोर्ट पर असर पड़ेगा।
  5. क्रूड कीमतों में गिरावट से महंगाई में राहत मिलेगी।
  6. NPCI को UPI ट्रांजैक्शन लिमिट पर अधिकार मिलेगा।
  7. अभी मर्चेंट पेमेंट की लिमिट 2 लाख रुपए है।
  8. गोल्ड लोन के लिए नए नियम जल्द जारी होंगे।