SEBI-Hindenburg Row: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को हिंडनबर्ग रिसर्च के ओर से लगाए गए आरोपों के मामले में क्लीन चिट मिल गई है। सरकारी सूत्रों ने एक अंग्रेजी वेबसाइट को बताया कि अब तक की जांच में फंड की फेराफेरी और पद के दुरुपयोग जैसे कोई आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं। इसलिए माधबी बुच और उनके परिवार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
फरवरी 2025 तक कार्यकाल पूरा कर सकती हैं बुच
सूत्रों ने दावा किया है कि माधबी पुरी बुच के खिलाफ लगाए गए हितों के टकराव और वित्तीय कदाचार के आरोपों की जांच में कोई आपत्तिजनक सबूत नहीं मिले। वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगी, जो फरवरी 2025 में खत्म होगा। सेबी चेयरपर्सन के खिलाफ यह जांच अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च और कांग्रेस पार्टी द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद शुरू की गई थी।
माधबी और उनके पति धवल बुच ने नकारे थे आरोप
हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी चीफ माधबी बुच की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया था कि उनका अडाणी ग्रुप से वित्तीय रिश्ता हो सकता है, जो स्वयं जांच के दायरे में है। इन आरोपों का सामना करते हुए माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने इन दावों को "बेबुनियाद" और "असत्य" बताया था और अपने वित्तीय रिकॉर्ड को पूरी तरह पारदर्शी बताया।
बुच दंपत्ति ने आरोपों लेकर बयान में क्या कहा था?
- बुच दंपत्ति ने संयुक्त बयान जारी कर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने स्पष्ट किया था कि जिस फंड में उनका निवेश था, जिसे हिंडनबर्ग ने अडाणी स्टॉक मैनिपुलेशन से जोड़ा था, ये इन्वेस्टमेंट तब किया गया, जब माधबी बुच सेबी में शामिल नहीं थीं।
- हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद कांग्रेस पार्टी ने भी बुच पर आरोप लगाए कि उनकी कंसलटेंसी फर्म, अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड के जरिए सेबी द्वारा नियंत्रित कंपनियों से उनके लिंक हैं और उन्हें इन कंपनियों से बड़े भुगतान मिले हैं, जिससे उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठे।
संसदीय सार्वजनिक लेखा समिति (PAC) ने शुरू की थी जांच
अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च और कांग्रेस पार्टी ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच के खिलाफ हितों के टकराव और वित्तीय कदाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। संसदीय सार्वजनिक लेखा समिति (PAC) ने भी सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच के आचरण की जांच शुरू की थी। जिससे सेबी की विश्वसनीयता और बुच की नियामक क्षमता पर उठ रहे सवालों का समाधान किया जा सके।