SEBI Rules: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने केवाईसी नियमों में ढील दी है। अपने नए सर्कुलर में बाजार नियामक ने कहा कि अब ऐसे निवेशक भी म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर सकते हैं, जिनका आधार कार्ड और पैन कार्ड लिंक नहीं है। आधार-पैन लिंक से जुड़ा यह अहम सर्कुलर 14 मई को जारी किया गया। इससे पहले 1 अप्रैल को लागू एक नियम के तहत केवाईसी वेरिफिकेशन के लिए आधार-पैन लिंक होना जरूरी था। कई निवेशक अपने केवाईसी इश्यू के चलते म्यूचुअल फंड में निवेश करने या इसे भुनाने में असमर्थ हो गए थे। सेबी के नए सर्कुलर का उद्देश्य इन प्रतिबंधों को कम करना है।

SEBI के संशोधित नियमों में क्या है?

  • संशोधित नियमों के मुताबिक, अब निवेशक आधार, पैन, वोटर आईडी, पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे अन्य वैध दस्तावेजों (ओवीडी) के जरिए केवाईसी प्रोसेस पूरी कर सकते हैं। दस्तावेज़ों के साथ केवाईसी पूरी होने पर निवेशक को "केवाईसी-रजिस्टर्ड" स्टेटस मिल जाएगा। हालांकि, इन निवेशकों के लिए कुछ सीमाएं हैं। वे सिर्फ उसी म्यूचुअल फंड के साथ लेनदेन कर सकते हैं, जिसके लिए केवाईसी शुरू में पूरी की गई है। 
  • किसी नए म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए उन्हें दोबारा केवाईसी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। इसके उलट जिन निवेशकों ने आधार-पैन लिंक कर लिया है और उनकी केवाईसी पूरी है, उन्हें "केवाईसी-वैलिड" स्टेटस मिलेगा। इसके बाद उन्हें अतिरिक्त केवाईसी प्रोसेस के बिना किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने की इजाजत होगी। 

KYC स्टेटस होल्ड है तो नहीं कर पाएंगे इन्वेस्टमेंट
इसके अलावा सेबी ने बताया है कि जिन निवेशकों का केवाईसी स्टेटस होल्ड पर है, उन्हें प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा। उनका ईमेल, मोबाइल नंबर और पते का वेरिफिकेशन अधूरा रहता है, जिससे वे म्यूचुअल फंड में कोई भी निवेश नहीं कर पाते हैं। निवेशक अपना केवाईसी स्टेटस जांचने के लिए www.CVLKRA.com पर विजिट कर सकते हैं और यहां पैन नंबर का उपयोग कर जानकारी हासिल कर सकते हैं। जिनके केवाईसी वैलिड या रजिस्टर्ड नहीं है, उन्हें सेबी केआरए वेबसाइट पर जाकर और जरूरी दस्तावेज जमा करके केवाईसी प्रोसेस पूरा करने की सलाह देता है।