SEBI Chief Row: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के अधिकारियों ने चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कामकाजी माहौल को लेकर कर्मचारियों ने वित्त मंत्रालय के पास एक शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि सेबी के ऑफिस में एक टॉक्सिक वर्क कल्चर तैयार हो चुका है, जहां स्टॉफ के साथ कठोर भाषा का इस्तेमाल किया जाता है और ऐसे टारगेट तय किए जाते हैं, जिन्हें पूरा करना व्यवहारिक नहीं है। शिकायत में कहा गया है कि मीटिंग्स में चिल्लाना, डांटना और बेइज्जती करना सेबी चीफ की फितरत बन चुकी है।
टारगेट को लेकर हर मिनट कर्मचारियों की निगरानी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगस्त के शुरुआती हफ्ते में लिखे गए 5 पेज के शिकायती पत्र में अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि सेबी लीडरशिप द्वारा कर्मचारियों के प्रति कठोर और अव्यवसायिक भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि काम के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए "मिनट-दर-मिनट" कर्मचारियों की निगरानी की जा रही है और बार-बार बदलते टारगेट उनके ऊपर थोपे जा रहे हैं, जिससे स्टॉफ की मेंटल हेल्थ और वर्क बैलेंस पर निगेटिव असर पड़ रहा है।
'कर्मचारी रोबोट नहीं, जो बटन दबाते ही आउटपुट दें'
अधिकारियों ने पत्र में कहा- "कर्मचारी कोई रोबोट नहीं हैं, जिनकी आउटपुट को एक बटन दबाकर बढ़ाया जा सकता है।" उन्होंने आरोप लगाया कि सेबी के शीर्ष अधिकारियों द्वारा "गालियां देना" और "चिल्लाना" आम हो गया है, और उनकी ओर से टारगेट को लेकर कोई सपोर्ट नहीं मिल रहा है। इससे कर्मचारियों में अविश्वास बढ़ गया है और पिछले 2-3 सालों में डर का माहौल बन गया है।
अधिकारियों की शिकायत पर सेबी ने क्या कहा?
शिकायत के मुताबिक, सेबी के टॉप मैनेजमेंट को "सर्वोत्तम प्रौद्योगिकी को अपनाने की बात बार-बार की जाती है, लेकिन वे कर्मचारी प्रबंधन, नेतृत्व और प्रेरणा के सर्वोत्तम तरीकों को अपनाने में असफल रहे हैं।" इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए सेबी ने कहा कि कामकाजी माहौल को लेकर रिव्यू मीटिंग्स के प्रारूप को बदला गया है, जिससे मीटिंग से जुड़े सभी मुद्दे हल हो गए हैं।