Stock Market: लोकसभा चुनाव में पांचवें चरण के मतदान से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेयर बाजार को लेकर बड़ा दावा किया। एक न्यूज चैनल पर हाल ही में प्रसारित साक्षात्कार में मोदी ने भरोसा जताया कि भारतीय शेयर बाजार 4 जून (चुनाव परिणाम) के बाद तेजी से फर्राटा भरेंगे। पीएम मोदी ने कहा- आप देखना, जिस दिन रिजल्ट आएंगे, उस दिन और पूरे हफ्ते ट्रेडिंग करने वाले थक जाएंगे। इस दौरान उनसे सरकार की वापसी और चुनाव नतीजों को लेकर निवेशकों की चिंता को लेकर सवाल पूछा गया था।

लोगों को जोखिम लेने की भूख बढ़ानी चाहिए: मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था में मजबूती लाने के लिए पहले से ज्यादा आर्थिक सुधार किए। आंत्रप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने वाली पॉलिसी लागू की गईं। जब हमारी सरकार आई तो सेंसेक्स 25,000 के स्तर पर था और आज यह बढ़कर 75,000 तक पहुंच चुका है। देश का आम नागरिक शेयर बाजारों में जितना ज्यादा निवेश करेगा, यह अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर रहेगा। हर इंसान को जोखिम लेने की भूख बढ़नी चाहिए। आजकल तो सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू कंपनियों) के शेयर भी दौड़ रहे हैं।

मोदी ने रैली में किया था बाजार में तेजी का जिक्र
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले हफ्ते एक रैली में कहा था- मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है। 10 साल पहले बाजार कहां था और अब कहां पहुंच चुका है। भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बाजार है। लाखों छोटे निवेशक मार्केट से जुड़े हैं। दुनियाभर के निवेशकों का भरोसा भी भारतीय बाजार पर बढ़ रहा है। इस भरोसे को विपक्षी गठबंधन तोड़ना चाहता है।

क्या है शेयर बाजार को लेकर शाह का दावा?
शेयर बाजार में तेजी और स्थिरता को लेकर पीएम मोदी के दावे से पहले केंद्र सरकार के तीन वरिष्ठ मंत्री भी बड़ी बातें कह चुके हैं। एक इंटरव्यू में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कह था कि निवेशक 4 जून (चुनाव परिणाम) से पहले शेयर खरीद लें, क्योंकि बाजार ऊपर जाने वाला है। शेयर बाजार थोड़ा बहुत अटकलों पर चलता है। लेकिन जब देश में स्थिर और मजबूत सरकार होती है तो शेयर बाजार पॉजिटिव संकेत देता है। 

सीतारमण और जयशंकर ने क्या दिया बयान?
इसके बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था- शेयर बाजार में हालिया उठापटक चुनाव की वजह से आई है। रिजल्ट के बाद यह फिर से छलांग लगाएगा। वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के कार्यक्रम में पिछले मंगलवार को कहा कि फाइनेंशियल मार्केट टैक्स सिस्टम और पॉलिसीज के मामले में स्थिरता पसंद करता है। चुनावी नतीजों को लेकर बाजार को कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है। मार्केट निश्चित रूप से ऊपर जाएगा।

राजनीतिक बयानों पर बाजार गंभीर नहीं: एक्सपर्ट्स
वहीं, विश्लेषकों की मानें तो प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि यही गठबंधन सत्ता में रहेगा। बाजार तब तक नहीं बढ़ेगा, जब तक कि उसे हरकत में लाने वाला कोई बड़ा ऐलान नहीं होता है। अल्फानीति फिनटेक के को-फाउंडर यूआर भट्ट ने कहा- मंत्रियों के यह बयान बाजार के बारे में नहीं हैं। बल्कि सत्ता में वापसी के सत्तारूढ़ पार्टी के भरोसे को बयां करते हैं। मार्केट राजनीतिक बयानों पर तब तक गंभीर नहीं होते, जब तक किसी सेक्टर के लिए कोई पॉलिसी लागू नहीं की जाती या फंड अलॉटमेंट नहीं किया जाता है।