Philanthropy List 2024: भारत का सबसे बड़ा दानवीर कौन है? गुरुवार (7 नवंबर) को जारी हुई एडलगिव-हुरुन इंडिया की फिलान्थ्रॉपी लिस्ट 2024 में इसका खुलासा हुआ। इस परोपकारी दानताओं की सूची में उद्योगपति शिव नाडार का नाम सबसे ऊपर है। एचसीएल टेक के फाउंडर नाडार ने इस साल 2153 करोड़ रुपए दान की संपत्ति दान की है। ऐसा कर उन्होंने लगातार तीसरी साल परोपकारियों की प्रतिष्ठित सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया।
अंबानी दूसरे और बजाज फैमिली तीसरे नंबर पर
रिपोर्ट के मुताबिक, शिव नाडार ने साल 2024 में हर दिन 5.9 करोड़ रुपए दान किए। उनके बाद फिलान्थ्रॉपी (परोपकार) लिस्ट में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और बजाज परिवार को स्थान मिला है, जिन्होंने क्रमशः 407 करोड़ रुपए और 352 करोड़ रुपए का योगदान दिया है।
जेरोधा के निखिल कामत बने सबसे युवा दानदाता
- 2024 की परोपकार सूची में 96 नए नाम जुड़े हैं, जिससे कुल परोपकारियों की संख्या 203 हो गई है। सभी ने मिलकर 8783 करोड़ रुपए दान किए हैं, जो दो साल पहले के मुकाबले 55% अधिक है। नए दानदाताओं ने कुल 1556 करोड़ रुपए का योगदान किया है।
- जेरोधा के निखिल कामत (38 साल) ₹120 करोड़ का योगदान देकर सबसे युवा परोपकारी बने हैं। वहीं, इंडो एमआईएम टेक्नोलॉजीज के चेयरमैन कृष्णा चिवुकुला ने ₹228 करोड़ दान कर नए दानदाताओं में सबसे अधिक उदारता दिखाई। उन्होंने यह दान अपने पूर्व शिक्षण संस्थान, आईआईटी मद्रास को दिया।
- इसके अलावा 65 वर्षीय रोहिणी निलेकणी ₹154 करोड़ के योगदान के साथ सबसे उदार महिला परोपकारी हैं। फिलान्थ्रॉपी लिस्ट में ₹100 करोड़ से ज्यादा वार्षिक दान देने वालों की संख्या 2018 में केवल दो थी, जो इस साल बढ़कर 18 हो गई है।
भारत में तेजी से बढ़ रहा परोपकार के प्रति रुझान
हुरुन इंडिया के फाउंडर, अनस रहमान जुनैद ने बताया कि भारत के टॉप 10 परोपकारियों की सूची में शामिल होने की न्यूनतम सीमा अब 154 करोड़ रुपए हो गई है, जो पांच साल पहले सिर्फ 83 करोड़ रुपए थी।
बता दें कि चीन में भारत से दोगुना अरबपति और 5 गुना बड़ी जीडीपी होने के बावजूद सिर्फ 25 दानदाता ही ₹100 करोड़ से ज्यादा का योगदान करते हैं, जो भारत के तेजी से बढ़ते परोपकारी योगदान का संकेत है।
टॉप 10 डोनर्स ने एजुकेशन सेक्टर में दिया योगदान
एडलगिव-हुरुन इंडिया फिलान्थ्रॉपी लिस्ट के टॉप 10 परोपकारियों ने वित्तीय वर्ष 2024 में कुल ₹4,625 करोड़ का योगदान किया, जो सूची के कुल दान का 53% है। इनमें से अधिकांश ने अपने सीएसआर फंड को एजुकेशन सेक्टर में निवेश कर क्वालिफाइड एजुकेशन को सपोर्ट किया है। एडलगिव फाउंडेशन की सीईओ नघमा मुल्ला ने बताया कि इस लिस्ट का उद्देश्य परोपकारी क्षेत्र का विश्लेषण करना, प्रमुख दानदाताओं की पहचान करना और उनके योगदान की प्राथमिकताओं को समझना है।