Retirement Plan: हर किसी को ख्वाहिश रहती है कि उसका बुढ़ापा आराम के कटे। यह बहुत हद तक संभव है, लेकिन बेहतर कल के लिए आपको प्लानिंग और निवेश की जरूरत होती है। इसलिए अपनी रिटायरमेंट की योजना बनाना आजकल काफी अहम होता जा रहा है। इसके बिना बुढ़ापे में आर्थिक संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि तब आय सीमित होती है और खर्च वैसे ही रहते हैं। परेशानियों से बचने के लिए पढ़ें 6 स्कीम और उनकी जानकारी, जिनमें निवेश कर आप रिटायरमेंट को सुरक्षित बना सकते हैं।
1) नेशनल पेंशन स्कीम (NPS):
एनपीएस एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान है, जो एक पेंशन स्कीम की तरह काम करता है। इसमें चक्रवृद्धि ब्याज का अधिक फायदा मिलता है। फिलहाल, NPS की ब्याज दर 9-12% के बीच है। इसमें 30 साल या अधिक समय तक निवेश करने पर अच्छा रिटर्न मिलेगा। 18-60 वर्ष की आयु के बीच का कोई भी भारतीय नागरिक इस स्कीम में मेंबरशिप ले सकता है। (ये भी पढ़ें... रिटायरमेंट के बाद NPS होगा बुढ़ापे का सहारा, 5 मिनट में ऐसे खोलें अकाउंट)
2) अटल पेंशन योजना (APY):
यह योजना भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली पेंशन स्कीम है। इसमें निवेश करने पर 60 साल की उम्र के बाद अधिकतम 5 हजार रुपए तक पेंशन हासिल की जा सकती है। अटल पेंशन योजना में 18 से 40 साल के नागरिक निवेश कर सकते हैं।
3) पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम:
यह पोस्ट ऑफिस की एक छोटी बचत योजना है, जिसमें आप देश के किसी की डाकघर में खाता खुलवा सकते हैं और एकमुश्त रिटायरमेंट का फंड जमा करके हर महीने तय रकम हासिल कर सकते हैं, जिससे आपके खर्चों की पूर्ति होती रहेगी।
4) सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS):
यह विशेष बचत योजना 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों के लिए है। पोस्ट ऑफिस ने इसकी शुरुआत की है, जिसमें निवेशकों को अधिकतम 8.20% ब्याज दर का फायदा मिलता है।
5) म्यूचुअल फंड (Mutual Funds):
म्यूचुअल फंड एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है, जिसमें आप रिटायरमेंट के लिए निवेश कर सकते हैं। सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए लंबे समय तक निवेश करने पर अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। कई म्यूचुअल फंड सालभर में 15 से 20 फीसदी तक का रिटर्न भी दे सकते हैं।
6) फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम (Fixed Deposit):
कई सरकारी और प्राइवेट बैंकों के द्वारा चलाई जाने वाली एफडी स्कीम में आप रिटायरमेंट के फंड को सुरक्षित रख सकते हैं। आमतौर पर बैंक सीनियर सिटीजन ग्राहकों को ज्यादा ब्याज दर ऑफर करती हैं, जो कि अधिकतम 8.50 से 9 फीसदी तक हो सकती है।