Sovereign Gold Bonds: सोने में निवेश का गोल्डन चांस, 18 दिसंबर से गोल्ड बॉन्ड में लगा पाएंगे पैसा

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Sovereign Gold Bonds 2023 24 series iii will open 18 December know the benefit of sbgs

Sovereign Gold Bond 2023–24: भारत सरकार निवेशकों को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश का सुनहरा अवसर दे रही है। गोल्ड बॉन्ड 2023-24 की तीसरी सीरीज 18 दिसंबर को लॉन्च होगी। आप 18 से 22 तारीख तक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में इन्वेस्टमेंट कर पाएंगे। वित्त मंत्रालय ने स्कीम के बारे में डिटेल शेयर की हैं। गोल्ड बॉन्ड की चौथी सीरीज 12 से 16 फरवरी 2024 के बीच लॉन्च होगी। बता दें कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की पहली सीरीज 30 नवंबर 2023 को मैच्योर हुई है। तब 2015 में एक बॉन्ड 2,684 रु. के रेट पर मिला था। अब निवेशकों ने इसे 6,132 रु. प्रति यूनिट के मूल्य पर बेचा है। यानी पिछले 8 साल में उन्हें गोल्ड बॉन्ड से 128.5 प्रतिशत का रिटर्न मिला।

तीसरी सीरीज के बॉन्ड का इश्यू प्राइज 6,199 रुपए रखा गया है। यानी 1 ग्राम गोल्ड बॉन्ड खरीदने के लिए 61,99 रुपए लगेंगे। ऑनलाइन अप्लाई करने या डिजिटल मोड से पेमेंट करने पर आरबीआई ने 50 रुपए प्रति बॉन्ड डिस्काउंट का ऑफर रखा है। मतलब कि डिजिटल बायिंग पर निवेशकों को बॉन्ड के लिए सिर्फ 6,149 रु. चुकाने होंगे।

क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SBGs)
यह एक सरकारी गोल्ड बॉन्ड है। इसे डीमैट के रूप में बदला जा सकता है। बॉन्ड की कीमत एक ग्राम सोने के भाव के बराबर होती है। सरकार की ओर से आरबीआई इसे जारी करती है। यानी यह बॉन्ड लोगों को फिजिकल गोल्ड खरीदे बिना गोल्ड में निवेश का अवसर देता है।

क्या हैं गोल्ड बॉन्ड में निवेश के फायदे?
1. सरकारी सुरक्षित निवेश:
गोल्ड बॉन्ड सरकारी की ओर से जारी किया जाता है। कोई व्यक्ति चाहें तो एक बॉन्ड से भी निवेश की शुरुआत कर सकता है। ज्वाइंट होल्डिंग के मामले में अधिकतम 4 किलोग्राम तक के बॉन्ड खरीदे जा सकते हैं। वहीं ट्रस्ट के लिए यह सीमा 20 किलोग्राम है।

2. 24 कैरेट सोने में निवेश: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड यानी 99.9% शुद्ध सोने में निवेश है। इसका भाव इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड यानी IBJA के पब्लिश्ड रेट के आधार पर तय होता है। इसके लिए सब्सक्रिप्शन पीरियड से पहले वाले हफ्ते से तीन दिनों का एवरेज रेट निकाला जाता है। SBGs में निवेश करने पर 2.50% सालाना ब्याज भी मिलता है। अगर पैसों की जरूरत पड़े तो इसके बदले लोन भी मिल जाता है।

3. मैच्योरिटी से पहले बेचने पर टैक्स: गोल्ड बॉन्ड का मैच्योरिटी पीरियड 8 साल है। मैच्योरिटी पर बेचेंगे तो इससे होने वाले लाभ पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। दूसरा 5 साल में भी बॉन्ड से बाहर निकलने का ऑप्शन है। लेकिन इस स्थिति में होने वाले लाभ पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) के रूप में 20.80% टैक्स लगता है।

4. डीमैट से खरीदना-बेचना आसान: गोल्ड बॉन्ड के डीमैट अकाउंट से लिंक होने के कारण सुरक्षा की चिंता नहीं है। इसे आसानी से खरीदा और बेचा भी जा सकता है। फिलहाल बॉन्ड में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट और पैन कार्ड होना बेहद जरूरी है। सरकार डिजिटल तौर पर बॉन्ड खरीदने पर छूट भी दे रही है।

5. ऑफलाइन भी निवेश का विकल्प: आरबीआई ने गोल्ड बॉन्ड में निवेश के लिए ऑफलाइन ऑप्शन भी दिये हैं। यानी कि आप बैंक शाखाओं, पोस्ट ऑफिस, स्टॉक एक्सचेंज और स्टॉक होल्डिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया के जरिए निवेश कर कर सकते हैं। यहां एक फॉर्म भरने के बाद आपके बैंक खाते से पैसे कट जाएंगे और बॉन्ड आपके डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।

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