Swiggy IPO: देश की प्रमुख ऑनलाइन फूड डिलेवरी कंपनी स्विगी ने अपने नए आईपीओ की योजना बनाई है, जिसमें 1.2 अरब डॉलर (करीब 120 करोड़ डॉलर) का ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) लाने की प्लान है। इस आईपीओ (इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग) के जरिए स्विगी करीब 3,750 करोड़ रुपए (लगभग 45 करोड़ डॉलर) जुटाने का टारगेट रख रही है। कंपनी ने आईपीओ को शेयरधारकों की मंजूरी की बात 23 अप्रैल को ईजीएम के बाद बताई। स्विगी में नॉर्वेस्ट, टेनसेंट, डीएसटी ग्लोबल और अल्फा वेव ने निवेश किया है।
एंकर इन्वेस्टर्स से करीब 750 करोड़ रु. जुटाने का प्लान
आईपीओ के लिए स्विगी ने नए शेयरों की घोषणा की है, जो कि उसे नए निवेश के लिए पूंजी जुटाने में मदद करेंगे। इसके साथ ही उसने ओएफएस (ऑफर फॉर सेल) के जरिए 6,664 करोड़ रुपए और आईपीओ लॉन्च करने से पहले एंकर इन्वेस्टर्स से करीब 750 करोड़ रुपए जुटाने की योजना है। स्विगी के शेयरधारकों ने इसकी मंजूरी दे दी है। हालांकि, स्विगी आईपीओ की तारीख और अन्य जरूरी जानकारियां अब तक सामने नहीं आई है। न ही स्विगी ने अभी तक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास आईपीओ के लिए जरूरी दस्तावेज जमा नहीं किए हैं।
कंपनी ने मैनेजमेंट में किए अहम बदलाव
- आईपीओ प्लानिंग की चर्चाओं के बीच स्विगी ने कार्यकारी निदेशकों की नई नियुक्तियां की है। कंपनी ने श्रीहर्ष मजेटी को तीन साल के लिए एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बनाया गया है। उन्हें मौजूदा वित्त वर्ष 2025 में 2.5 करोड़ रुपए और अगले वित्त वर्ष 2026 में 3 करोड़ रुपए सैलरी मिलेगी। इसके अलावा राहुल बोथरा को मुख्य वित्तीय अधिकारी और एम श्रीधर को सेक्रेटरी और अनुपालन अधिकारी बनाया है।
- स्विगी आईपीओ लाकर अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। कंपनी ने 2023 में कई कर्मचारियों को निकाला और घाटे वाले कुछ कारोबार भी बंद कर दिए हैं। इसके साथ ही स्विगी ने अपने यूजर्स से 2 रुपए प्लेटफॉर्म शुल्क लेना शुरू किया है, जिसे कुछ पस्थितियों में बढ़ाकर 10 रुपए भी कर सकते हैं। चौथी तिमाही में स्विगी का फूड डिलिवरी कारोबार मुनाफे में आ गया है।
जनवरी 2022 में डेकाकॉर्न बन गई थी कंपनी
दूसरी ओर, स्विगी के निवेशकों ने कंपनी का वैल्युएशन भी बढ़ा दिया है। अमेरिकी फंड मैनेजर इन्वेस्को ने अप्रैल की शुरुआत में स्विगी का वैल्यूएशन लगातार तीसरी बार बढ़ाकर 12.7 अरब डॉलर कर दिया है। जनवरी 2022 में स्विगी ने इन्वेस्को और दूसरे निवेशकों से 70 करोड़ डॉलर जुटाए थे, जिसके बाद कंपनी डेकाकॉर्न बन गई और उसका वैल्यूएशन 10.7 अरब डॉलर हो गया। अमेरिका की बैरन कैपिटल फर्म ने पिछले साल अगस्त में स्विगी का वैल्यूएशन बढ़ाकर 8.54 अरब डॉलर कर दिया था।