Retirement Saving Rule: हर किसी के जीवन में इंवेस्टमेंट और रिटायरमेंट प्लानिंग दो ऐसी चीजें हैं, जिन पर जल्द ध्यान देना शुरू कर देना चाहिए, क्योंकि वक्त किसी के लिए नहीं रुकता है। अगर आपने अभी शुरुआत नहीं की तो बुढ़ापे में आर्थिक कठिनाइयों से जूझना पड़ सकता है। इसीलिए, सबसे पहले पता होना चाहिए कि आपको कितना पैसा बचाने की जरूरत है और उस फंड को कैसे जुटाया जा सकता है।
रिटायरमेंट के लिए कितनी सेविंग करें?
हममें से ज्यादातर लोग 60 साल तक रिटायर होने का प्लान करते हैं, यह सेवानिवृत्ति की पारंपरिक उम्र है। हालांकि, रिटायर होने तक कितनी सेविंग करनी चाहिए, यह आपकी वित्तीय स्थिति, महंगाई समेत कई बातों पर निर्भर करता है। कई फाइनेंशियल एडवाइजर्स हर साल वार्षिक आय का 15% बचाने का सुझाव देते हैं, वहीं कुछ 60 की उम्र की शुरुआत तक सैलरी या कमाई का 7-8 गुना बचत की बात कहते हैं। लेकिन एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस वेबसाइट के मुताबिक, एक आरामदायक रिटायरमेंट के लिए कुल सेविंग एनुअल एक्सपेंस का 30 गुना होनी चाहिए।
रिटायरमेंट के लिए सेविंग के उपाय अपनाएं
- आपको रिटायरमेंट के लिए जितनी जल्दी संभव हो, बचत शुरू कर देनी चाहिए। क्योंकि यंग एज में देनदारियां कम होती हैं। इस दौरान साल दर साल आय भी बढ़ती है। ऐसे में बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए अपनी इनकम का ज्यादा से ज्यादा अंश बचाने पर फोकस करना चाहिए।
- इसके अलावा, युवा दौर में लो प्रीमियम पर मेडिकल इंश्योरेंस लेना अच्छा होता है। प्रीमियम रिटर्न ऑप्शन के साथ जीवन बीमा (लाइफ इंश्योरेंस) लेने पर भी विचार करना चाहिए। जब आप युवा हों तो पेंशन स्कीम में निवेश करना शुरू करें। यह ढलती उम्र बढ़ने के साथ पूंजी की सुरक्षा करेगा। जरूरतों का आकलन, भावी महंगाई को लेकर प्लानिंग और सही स्कीम चुनने के लिए पेंशन स्कीम कैलकुलेटर का इस्तेमाल करें।
रिटायरमेंट के लिए कितनी रकम की जरूरत है?
NPS स्कीम में पैसा निवेश कर स्थिर सेवानिवृत्ति आय के लिए पेंशन/वार्षिक योजना का ऑप्शन चुन सकते हैं। सबसे अहम बात है कि वक्त पर सभी ईएमआई देकर कर्ज कम करने की कोशिश करें। माना जाता है कि किसी इंसान को आरामदायक सेवानिवृत्ति के लिए सैलरी की 10 गुना सेविंग करनी चाहिए और रिटायरमेंट से पहले सालाना आय का 80% इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसा करने से आप वार्षिक निकासी में बढ़ोतरी करके महंगाई को प्रबंधित करने में खुद को समक्षम बना पाएंगे। आप सालाना अपनी अंतिम सैलरी का सिर्फ 80% निकालने तक सीमित नहीं हैं।