EY Pune News: महाराष्ट्र के पुणे स्थित एक कंपनी में काम करने वाली 26 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट की वर्क प्रेशर यानी अत्यधिक काम के दवाब के चलते मौत हो गई। मृतका की मां ने कंपनी मैनेजमेंट को लेटर लिखकर कंपनी के टॉक्सिक वर्क कल्चर को बेटी की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
लड़की ने 4 महीने पहले शुरू की थी पहली जॉब
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केरल की रहने वाली अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल ने करीब 4 महीने पहले EY इंडिया में पहली नौकरी शुरू की थी। उसकी मां अनिता ऑगस्टीन का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से बेटी अन्ना शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से अत्यधिक काम के बोझ से जूझ रही थी। अन्ना की मां ने सोशल मीडिया पर एक लेटर के जरिए आरोप लगाया है। हालांकि, हरिभूमि. कॉम इस पोस्ट की पुष्टि नहीं करता है। फिलहाल, EY इंडिया की ओर से इस मामले में कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
मृतका की मां ने लेटर में बताया बेटी के साथ क्या हुआ था?
सोशल मीडिया पर जारी किए लेटर में अनिता ने लिखा- अन्ना एक मेधावी छात्रा थी और उसने चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA) परीक्षा भी स्पेशल कैटेगरी में पास की थी। लेकिन EY इंडिया में नौकरी करने के कुछ ही समय बाद उसे चिंता, अनिद्रा और तनाव का सामना करना पड़ा। अन्ना की मां का आरोप है कि उनकी बेटी ने अपनी नौकरी में टॉप ऑफिशियल्स की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए खुद को अत्यधिक काम में झोंक दिया था, जिससे उसे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं होने लगीं, जिनमें सीने में दर्द भी शामिल था।
अन्ना के अंतिम संस्कार में नहीं आया EY का कोई अधिकारी
- अनिता ने लेटर में लिखा- शनिवार (6 जुलाई) को, मेरे पति और मैं पुणे पहुंचे ताकि अन्ना के सीए दीक्षांत समारोह में शामिल हो सकें। अन्ना पिछले एक हफ्ते से देर रात (करीब 1 बजे) अपने पीजी में पहुंचने के बाद से सीने में जकड़न की शिकायत कर रही थी। हम उसे पुणे के अस्पताल ले गए, जहां उसकी ईसीजी सामान्य आई। कार्डियोलॉजिस्ट ने हमें भरोसा दिलाया कि उसे पर्याप्त नींद नहीं मिल रही थी और वह देर से खाना खा रही थी। उन्होंने एंटासिड्स लिखे, जिससे हमें लगा कि कुछ गंभीर नहीं है।
- हालांकि हम कोच्चि से आए थे, लेकिन डॉक्टर से मिलने के बाद भी अन्ना ने जोर दिया कि उसे काम पर जाना है, क्योंकि बहुत सारा काम पेंडिंग था और उसे छुट्टी नहीं मिल सकती थी। अनीता ने पत्र में यह भी आरोप लगाया है कि EY के किसी भी अधिकारी ने बेटी के अंतिम संस्कार में हिस्सा नहीं लिया। उन्होंने लिखा कि जब उन्होंने अपनी बेटी के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की, तो कंपनी ने उनकी इस त्रासदी पर कोई जवाब नहीं दिया।