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Zomato Payment Aggregator: फूड डिस्ट्रीब्यूटर प्लेटफॉर्म जोमैटो ने पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस प्राप्त करने के लिए पिछले साल सहयोगी कंपनी बनाई। साथ ही आईसीआईसीआई बैंक के साथ मिलकर यूपीआई पेश की थी।

Zomato Payment Aggregator: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फूड डिस्ट्रीब्यूटर प्लेटफॉर्म जोमैटो की सहयोगी कंपनी जोमैटो पेमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड को ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर (PA) लाइसेंस प्रदान किया है। फूड डिस्ट्रीब्यूटर प्लेटफॉर्म जोमैटो गुरुवार को स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में इसकी जानकारी दी। इसके मुताबिक, जैमोटो को मिला लाइसेंस 24 जनवरी से प्रभावी हो चुका है। गुरुवार को कंपनी का शेयर 52 वीक के हाई से उतरकर 130 रुपए के आसपास कारोबार करता नजर आया। कंपनी का मार्केट कैप 1 लाख 17 हजार करोड़ से ज्यादा है। 

PA के लिए जोमैटो ने बनाई सहयोगी कंपनी
जोमैटो लंबे समय से खुद को पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में स्थापित करने का प्रयास कर रही थी। इसके लिए कंपनी ने अगस्त 2021 में पूर्ण स्वामित्व वाली सहयोगी कंपनी जोमैटो पेमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड (ZPPL) की शुरुआत की थी। आरबीआई ने जोमैटो की सहयोगी कंपनी के PA लाइसेंस के लिए हरी झंडी दी है। अब यह टाटा पे, रोजरपे, कैशफ्री और अन्य दूसरी कंपनियों में शामिल हो चुकी है।

Zomato ने पिछले साल शुरू की थी UPI
बता दें कि पिछले साल जोमैटो ने आईसीसीआई बैंक के साथ मिलकर अपनी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) पेश की थी। जिसको 'जोमैटो यूपीआई' नाम दिया गया। इस सुविधा का उद्देश्य जोमैटो आर्डर्स के लिए पेमेंट प्रोसेस को आसान बनाना था। ताकि जोमैटो से ऑनलाइन फूड ऑर्डर करने पर ग्राहकों को दूसरे पेमेंट ऐप्स जैसे- गूगल पे, पेटीएम और फोनपे पर जाने की जरूरत नहीं पड़े।

जोमैटो के पास ऑनलाइन यूजर्स का बड़ा बेस
कंपनी ने जोमैटो पेयमेंट्स के फीचर्स के सुरक्षित होने के दावा किया है। साथ ही बताया है कि इसमें कोई भी अपनी इच्छानुसार PIN सेट करके बड़ी आसानी से ट्रांजैक्शन कंप्लीट कर सकता है। जैमैटो के पास ऐसे ग्राहकों का बड़ी संख्या है, जो कि फूड ऑर्डर के लिए यूपीआई पेमेंट ऑप्शन का इस्तेमाल करते हैं। कंपनी ने यूपीआईडी पेश कर उन्हें इसकी सुविधा प्रदान की थी।

RBI ने 2 महीने में 5 नए पेमेंट एग्रीगेटर दिए
आरबीआई ने नए साल के जनवरी माह में जोमैटो से पहले टाटा पेमेंट्स और बेंगलुरु के स्टार्टअप DigiO को पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस दिया है। इससे पहले दिसंबर 2023 में आरबीआई ने रोजरपे और कैशफ्री को पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में अनुमति प्रदान की थी।

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