Zomato: भारत में अग्रणी फूड डिलेवरी प्लेटफॉर्म में शामिल जोमैटो ने सोमवार को बड़ा फैसला लिया है। जोमैटो ने बताया कि उसकी सहयोगी कंपनी जोमैटो पेमेंट प्राइवेट लिमिटेड (ZPPL) अपनी इच्छा से ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस सरेंडर करेगी। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जेडपीपीएल को यह लाइसेंस इसी साल 24 जनवरी को मिला था। यह फैसला सहयोगी कंपनी के बोर्ड मेंबर्स की सहमति से लिया गया है।
जोमैटो ने रेगुलेटरी फाइलिंग में क्या बताया?
जोमैटो ने हालिया रेगुलेटरी फाइलिंग में इसकी जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को दी है, जिसमें कंपनी ने बताया कि पेमेंट सेक्टर में स्थापित प्लेटफॉर्म के मुकाबले हम खुद को कोई महत्वपूर्ण कॉम्पिटीशन लाभ लेता नहीं देखते हैं। इसलिए कंपनी पेमेंट सेक्टर में अपने लिए बिजनेस की उम्मीद नहीं करती हैं। हालांकि, हम इसे लेकर अपनी ओर से पूरी तैयारी रखना चाहते थे, लेकिन हम इसे शुरू करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्टर तैयार करने के बिल्कुल करीब थे।
पेमेट एग्रीगेटर लाइसेंस सरेंडर करना बड़ा फैसला
इस फैसले की प्रतिक्रिया में जोमैटो ने एक और दावा किया है कि इसका कोई महत्वपूर्ण प्रभाव कंपनी के राजस्व या ऑपरेशन पर नहीं पड़ेगा। पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस सरेंडर करना जोमैटो के पेमेंट सेगमेंट के लिए एक बड़ा फैसला है। कंपनी ने यह निर्णय अपने बिजनेस प्लान और गाइडलाइन की समीक्षा के बाद लिया है। हालांकि, यह मार्केट में कंपनी की स्ट्रैटजी पर असर डाल सकता है। इसे लेकर जोमैटो की भविष्य की योजनाओं और विकास पर क्या असर होगा, यह देखने वाली बात है।
जोमैटो ने 2021 में की थी पेमेंट एग्रीगेटर की तैयारी
बता दें कि जोमैटो ने 2021 में जोमैटो पेमेंट प्राइवेट लिमिटेड (ZPPL) बनाई थी, जो कि जरूरत पड़ने पर ऑनलाइन फूड डिलेवरी प्लेटफॉर्म का पूरा ट्रांजैक्शन टेकओवर कर सकती थी। जोमैटो ने मार्च तिमाही और पिछले फाइनेंशियल ईयर के नतीजे सोमवार को जारी किए।