दीपेश कौरव, भोपाल। मध्यप्रदेश में राज्य सरकार की संबल योजना को लेकर अधिकारी रूचि नहीं दिखा रहे हैं। इसका खामियाना स्कूली विद्यार्थियों का भुगतना पड़ रहा है। इस बार बोर्ड परीक्षा शामिल होने के वाले करीब दो लाख विद्यार्थी इस योजना का लाभ लेने से चूक गए हैं। माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से फीस में छूट का ऑप्शन फॉर्म जमा करने की अंतिम तारीख के कुछ दिन पहले 25 सितंबर को खोला गया। ऐसे में कुछ ही विद्यार्थी इसका फायदा ले पाए।
दरअसल, संबल योजना के तहत पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को मध्यप्रदेश बोर्ड 10वीं-12वीं बोर्ड के परीक्षा शुल्क से छूट मिलती थी, लेकिन इस बार माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इस छूट का कोई विकल्प नहीं दिया। जिसके कारण अधिकतर विद्यार्थियों को निर्धारित शुल्क के साथ परीक्षा फार्म भरना पड़ा है। विभाग अभी तक शुल्क वापस करने की भी कोई व्यस्था नहीं बना पाया है। इन विद्यार्थियों से परीक्षा शुल्क के रूप में करीब 25 करोड़ की रकम माशिमं के खाते में पहुंची है। प्रदेश से करीब 18 लाख विद्यार्थी 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे। एक विद्यार्थी का परीक्षा शुल्क 1250 रुपये लिए जाते हैं। इस तरह से करीब दो लाख विद्यार्थियों की फीस 25 करोड़ रुपये होगी।
अब विलंब शुल्क दो हजार रुपए
अब विद्यार्थी विलंब शुल्क दो हजार रुपए के लिए 30 नवंबर तक आवेदन कर सकते हैं। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत सिंह का कहना है कि कई स्कूल में संबल योजना के तहत आने वाले विद्यार्थी सभी ने फीस के साथ आवेदन जमा किया। शिक्षकों के सामने अब दिक्कत आ रही है। अभिभावक सवाल उठा रहे हैं। मामले में मंडल से कोई जवाब नहीं मिला है।
पिछले साल दिया था छूट का विकल्प
पिछले साल जब आवेदन किए जा रहे थे, तभी शुल्क में छूट का विकल्प दिया गया था। इस बार आवेदन करने की प्रक्रिया एक जुलाई से शुरू हुई थी। 30 सितंबर सामान्य शुल्क के साथ अंतिम तिथि समाप्त हुई। 25 अक्टूबर को विलंब शुल्क 100 रुपये के साथ फार्म भरने की अंतिम तिथि थी। ऐसे विद्यार्थियों को भी पूरा शुल्क भरना पड़ा है।