Board Exam Tips: दसवीं और बारहवीं के बोर्ड एग्जाम की डेट शीट आ गई हैं। अन्य क्लासेस के एनुअल एग्जाम्स भी इसी माह या मार्च में शुरू हो जाएंगे। जैसे-जैसे एग्जाम की तारीख नजदीक आती जाती है,उसका प्रेशर पैरेंट्स और स्टूडेंट्स पर बढ़ता जाता है।
कई बार यह प्रेशर इतना बढ़ जाता है कि कई बच्चे, जहां ठीक से कंसंट्रेट होकर पढ़ाई नहीं कर पाते, वहीं कुछ एंजायटी और डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। माना कि बच्चों पर पढ़ाई को लेकर, अच्छे नंबर लाने को लेकर काफी दबाव होता है और पैरेंट्स भी बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित होते हैं। लेकिन ऐसा प्रेशर और टेंशन जरूरत से ज्यादा नहीं होना चाहिए। इस बारे में कुछ यूजफुल सजेशंस यहां दे रहे हैं।
पैरेंट्स के लिए सुझाव
- पैरेंट्स को यह समझना चाहिए कि हर बच्चा दूसरे से अलग होता है। इसलिए आस-पड़ोस या रिलेटिव्स के बच्चों से अपने बच्चों की तुलना करके उनपर अधिक नंबर लाने का दबाव ना बनाएं।
- जिन घरों में पैरेंट्स द्वारा बच्चों पर टॉप करने का प्रेशर बनाया जाता है, ऐसे बच्चे अकसर डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। उनमें नींद ना आना, चिड़चिड़ापन, व्यवहार में बदलाव, याददाश्त की परेशानी देखने को मिलती है।
- बच्चे के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। बच्चों को हेल्दी डाइट दें। बच्चों का पढ़ाई में अच्छी तरह से ध्यान लगे, इसके लिए हर 2 से 3 घंटे के अंतराल पर कुछ हेल्दी डाइट उसे देती रहें। ध्यान दें कि इस दौरान बच्चा बहुत ज्यादा फास्ट फूड ना खाए।
- घर में बच्चों के लिए खुला माहौल बनाएं ताकि बच्चे खुलकर आपसे अपने मन की बात कर सके और अपनी हर परेशानी को आपसे शेयर कर सकें।
- जब भी बच्चे पढ़ाई के लिए बैठें तो कोशिश करें कि आप भी उनके आस-पास ही बैठें। ऐसे में वह अच्छे से पढ़ाई करेंगे। साथ ही पढ़ाई से मन भटकाने वाली चीजों जैसे फोन आदि को उनसे दूर रखें। बच्चे को हमेशा इस बात का अहसास दिलाते रहें कि आप हमेशा उसके साथ हैं।
- आपको अपने स्ट्रेस को भी दूर करना चाहिए क्योंकि आपका स्ट्रेस बच्चे को भी प्रभावित करेगा, क्योंकि जब आप तनाव में दिखेंगे तो बच्चा और भी प्रेशर में आएगा, जिसका असर उसकी एग्जाम की तैयारी पर पड़ेगा।
- बच्चे से हर समय सिर्फ पढ़ने की ही बात ना करें। ऐसा होने से बच्चा पढ़ाई से दूर भागता है और वह ओवर प्रेशर महसूस करता है।
बच्चों के लिए सुझाव
- एग्जाम टाइम में बच्चों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। इस बारे में पैरेंट्स की गाइडेंस और सपोर्ट बहुत जरूरी है।
- कुछ बच्चों को देर रात तक पढ़ने की आदत होती है। उन्हें लगता है कि एग्जाम टाइम में अगर वे देर रात तक जागकर पढ़ेंगे तो उनके अच्छे नंबर आएंगे, लेकिन ऐसा नहीं होता है।
- कई बार देर रात तक पढ़ने से बच्चों की नींद पूरी नहीं होती है, जिससे उनकी मेमोरी भी प्रभावित होती है और कई बार याद किया हुआ पाठ भी वे एग्जाम में भूल जाते हैं। इसलिए पैरेंट्स ध्यान रखें कि एग्जाम वाले दिन से पहले मिनिमम 5 से 6 घंटे की नींद बच्चे जरूर लें।
- कई बार ऐसा भी होता है कि बच्चे को पेपर के सवालों के जवाब तो तो आते हैं लेकिन फिर भी कुछ सवाल छूट जाते हैं क्योंकि उन्होंने सैंपल पेपर की एग्जाम के समय के हिसाब से प्रैक्टिस नहीं की होती है। इसलिए एग्जाम की तैयारी करते समय अधिक से अधिक सैंपल पेपर सॉल्व करने की प्रैक्टिस बच्चों को जरूर करनी चाहिए। तय समय के अनुसार डेली प्रैक्टिस करने से बच्चों की एग्जाम में लिखने की स्पीड बढ़ती है।
- किसी भी कार्य को करने के लिए टाइम टेबल बहुत जरूरी होता है। इसलिए बच्चों को सबसे पहले अपनी तैयारी के अनुसार पढ़ाई, सोने, खाने सबका एक टाइम टेबल बनाना चाहिए और उसे पूरी तरह से फॉलो करना चाहिए। टाइम टेबल बनाते समय हर सब्जेक्ट की तैयारी के लिए समय विभाजित करने से मदद मिलेगी। पैरेंट्स इसमें बच्चों की हेल्प कर सकते हैं, ताकि किसी सब्जेक्ट की तैयारी अधूरी ना रह जाए।
- एग्जाम में अच्छे नंबर लाने के लिए नोट्स बनाकर पढ़ना बहुत कारगर होता है, क्योंकि जब बच्चे स्वयं नोट्स बनाते हैं तो नोट्स बनाते-बनाते ही बहुत से टॉपिक्स उसी समय उनके दिमाग में बैठ जाते हैं।
(करियर काउंसलर-एजुकेशनल साइकोलॉजिस्ट डॉ. वर्षा वरवंडकर से बातचीत पर आधारित)