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CBSE बोर्ड की प्रैक्टिकल परीक्षा, प्रोजेक्ट कार्य और आंतरिक मूल्यांकन 1 जनवरी 2025 से शुरू हो जाएंगे। इस साल के लिए प्रैक्टिकल एग्जाम की तारीखें और संबंधित शेड्यूल पहले ही जारी कर दिए गए हैं।

CBSE Board 10th,12 Exam 2025 : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2025 में होने वाली 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा की तारीखों का ऐलान पहले ही कर दिया था। जिसमें बताया गया था कि CBSE बोर्ड परीक्षा 15 फरवरी 2025 से होगी। हालांकि, छात्रों को लिखित परीक्षा की डेटशीट का इंतजार करना होगा।

CBSE बोर्ड परीक्षा 2025: डेटशीट कब होगी जारी?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, CBSE बोर्ड परीक्षा 2025 के लिए विस्तृत डेटशीट अगले महीने (दिसंबर 2024) में जारी हो सकती है। बता दें, CBSE बोर्ड अपनी परीक्षा की डेटशीट जनवरी के पहले सप्ताह तक जारी कर देता है, लेकिन इस बार इसे दिसंबर 2024 में जारी किए जाने की संभावना जताई जा रही है।

इस बार परीक्षा का आयोजन 15 फरवरी से शुरू होगा, और छात्रों को परीक्षा से पहले अपनी तैयारी के लिए डेटशीट का इंतजार है। डेटशीट में सभी विषयों के लिए परीक्षा की तारीखों और समय का पूरा विवरण दिया जाएगा।

प्रैक्टिकल परीक्षा का शेड्यूल पहले ही जारी 
CBSE बोर्ड की प्रैक्टिकल परीक्षा, प्रोजेक्ट कार्य और आंतरिक मूल्यांकन 1 जनवरी 2025 से शुरू हो जाएंगे। इस साल के लिए प्रैक्टिकल एग्जाम की तारीखें और संबंधित शेड्यूल पहले ही जारी कर दिए गए हैं। सभी CBSE स्कूलों को इस शेड्यूल का पालन करना होगा, और छात्रों को प्रैक्टिकल परीक्षा में भाग लेने के लिए अपने स्कूल से दिशा-निर्देश मिल जाएंगे।

75% अटेंडेंस जरूरी
CBSE बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए छात्रों को स्कूल में कम से कम 75% अटेंडेंस रखना अनिवार्य है। यह नियम छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि अगर उनकी अटेंडेंस 75% से कम रहती है, तो उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी। हालांकि, इस नियम में कुछ छूट भी है। जैसे, अगर किसी छात्र के पास चिकित्सा आपात स्थिति या राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों में भाग लेने का प्रमाण है, तो उसे 25% अटेंडेंस की छूट मिल सकती है, बशर्ते वह संबंधित दस्तावेज अपने स्कूल में जमा करें।

सीबीएसई बोर्ड ने टॉपर की घोषणा बंद की है
पिछले कुछ सालों से CBSE बोर्ड ने 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणामों में टॉपर का ऐलान नहीं किया है। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि अब से कोई समग्र डिवीजन, डिस्टिंक्शन या टॉपर्स की घोषणा नहीं की जाएगी। इस निर्णय के बाद छात्रों पर अंक आधारित दबाव कम करने की कोशिश की गई है, ताकि वे अपनी पूरी क्षमता के अनुसार प्रदर्शन कर सकें, न कि केवल टॉपर्स बनने के लिए प्रतिस्पर्धा करें।

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