MIT-WPU Pune: यहां तैयार होते हैं सियासत के कुशल योद्धा; छात्र संसद और रूरल इमरजिंग प्रोग्राम से बारीकियां सीखते हैं छात्र

MIT World Peace University: भारतीय राजनीति में जनप्रतिनिधियों के लिए शिक्षा के मानक तय करने की मांग उठ रही है। ताकि, देश में नीति निर्धारण से जुड़े लोग जनता की जरूरतों को समझते हुए सही कदम उठा सकें और राष्ट्र निर्माण में जरूरी योगदान दें। इसके लिए सबसे जरूरी नेताओं का शिक्षित होना है। महाराष्ट्र के पुणे में 1983 से संचालित एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी ऐसा ही नेतृत्व तैयार कर रही है। छात्रों में नेतृत्व क्षमता विकसित करने के उद्देश्य से यहां रामचरण स्कूल ऑफ लीडरशिप जैसे कोर्सेस संचालित हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ पुणे एमआईटी ने 2005 में स्कूल ऑफ गवर्नमेंट की शुरुआत की थी, जहां राजनीतिक नेतृत्व और सरकार में मास्टर कोर्स संचालित है। यहां अध्यनरत प्रत्येक छात्र को पाठयक्रम के दौरान 5 दिन गांवों में रहकर वहां की स्थिति, परेशानियों और शासन की योजनाओं का जमीन अध्ययन करना होता है। छात्र इस दौरान ग्रामीण भारत की चुनौतियों और वहां रहने वाले लोगों के कल्चर को समझते हैं।
छात्र संसद में शामिल हुए कई दिग्गज
एमआईटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के मैनेजिंग ट्रस्टी और एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी (एमआईटी-डब्ल्यूपीयू) के कार्यकारी अध्यक्ष राहुल वी कराड ने हरिभूमि से चर्चा के दौरान बताया कि इंटर्नशिप प्रोजेक्ट के तौर पर छात्रों को राजनेताओं के साथ काम करने का मौका मिलता है। छात्रों को बेहतर भावी नेता बनाने के उद्देश्य से हर साल भारतीय छात्र संसद (बीसीएस) आयोजित करते हैं।

कार्यकारी अध्यक्ष राहुल वी कराड के मुताबिक, फरवरी 2025 में हुई 14वीं भारतीय छात्र संसद (बीसीएस) में पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी और बोट लाइफ स्टाइल के CMO अमन गुप्ता सहित अन्य हस्तियां शामिल हुईं। जिन्होंने छात्र संसद के जरिए देश के भावी नेतृत्व को मार्गदर्शन किया।
विचारधाराओं से इतर सियासत
कार्यकारी अध्यक्ष राहुल वी कराड ने कहा, संस्था का उद्देश्य पार्टीगत विचारधारा से परे देश के लिए बेहतर राजनेता तैयार करना है। छात्रों को यहां वामपंथ और दक्षिणपंथ सियासत से इतर प्रोग्रेसिव और जनहित आधारित राजनीति की बारीकियां बताई जाती हैं।
डिबेट में खुलकर रखते हैं बात
छात्र यहां राजनीतिक रणनीति, चुनावी प्रक्रिया और विश्लेषण के साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों के महत्व को भी समझते हैं। इसके लिए इंटर्नशिप और शैक्षणिक विजिट भी कराई जाती हैं। आपस में होने वाली डिबेट में छात्र रेबड़ी कल्चर जैसे मुद्दों पर खुलकर चर्चा करते हैं।
रूरल इमरजिंग प्रोग्राम
डीन अकेडमिक डॉ अक्षय मल्होत्रा ने कहा, एमआईटी-डब्ल्यूपीयू बच्चों को ग्रामीण समस्याओं से अवगत कराने रूरल इमरजिंग प्रोग्राम भी कराता है। इसके जरिए यूनिवर्सिटी के प्रत्येक छात्र को कोर्स के दौरान पांच दिन गांवों में रुकना पड़ता है। छात्र इस दौरान न सिर्फ ग्रामीणों की समस्याएं जानते हैं, बल्कि उनके रहन सहन और कल्चर को भी समझते हैं। सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और समस्या समाधान पर सुझाव देते हैं।
रिपोर्ट: मधुरिमा राजपाल, भोपाल
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