NEET UG Paper Controversy: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने हाल ही में NEET UG 2024 का रिजल्ट जारी किया था। अब इस परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं। इतिहास में पहली बार नीट यूजी परीक्षा में ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक पर 67 स्टूडेंट रहे। आरोप है कि इनमें 16 स्टूडेंट्स के रोल नंबर आस-पास थे। वहीं बिहार में पेपर लीक होने के आरोप लगे हैं। ऐसी ही शिकायतें स्टूडेंट लगातार एनटीए को भेज रहे हैं और परीक्षा वापस करवाने की मांग कर रहे हैं। कोटा में भी कोचिंग इंस्टीट्यूट ने इसे लेकर मांग की है।
रोल नंबर में अंतिम तीन अंक ही अलग
एनटीए को भेजी शिकायत में स्टूडेंट्स और कोचिंग इंस्टीट्यूट ने आरोप लगाया कि यूपी, तमिलनाडु और गुजरात में फर्स्ट रैंक वालों के रोल नंबर काफी करीब है। 10 डिजिट के रोल नंबर में अंतिम तीन अंक ही अलग है, बाकी समान है। छात्रों को संभवतः एक ही सेंटर अलॉट हुआ है। यानी एक सेंटर से नीट के दो-दो टॉपर निकले।
हरियाणा में एक सेंटर से 8 टॉपर
हरियाणा के एक ही सेंटर झज्जर से आठ स्टूडेंट ने टॉप किया। इन सभी के सरनेम भी गायब है। एक ही सेंटर से आठ टॉपर का आना सवाल खड़े करता है। स्टूडेंट्स के 718 और 719 नंबर भी आए हैं, यह संभव नहीं है। पिछले साल 600 नंबर पर जनरल बच्चे को सरकारी कॉलेज मिल गया था, इस साल 640 नंबर वाले को भी कुछ नहीं मिलेगा।
फर्स्ट रैंक लाने वाले को भी नहीं मिल रहा दिल्ली एम्स
कोटा के एक एजुकेशन एक्सपर्ट ने बताया कि यह चौंकाने वाली बात है कि जिस एग्जाम को 24 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स देते हैं,उसमें 67 बच्चे पूरे में से पूरे नंबर (720 में से 720) लेकर टॉप कर रहे हैं। फर्स्ट रैंक लाने वाले को भी दिल्ली एम्स नहीं मिल रहा है। 685 नंबर पर 6700 स्टूडेंट हैं। ऐसे में इन स्टूडेंट्स को कॉलेज में सीट किस आधार पर मिलेगी, कोई नहीं समझ पा रहा। पहली बार एक ही साल में कट ऑफ में बहुत बड़ा इजाफा देखा गया है।
इस साल औसत कट ऑफ बढ़ी
NTA की ओर से जारी नोटिस के अनुसार बीते साल नीट यूजी में शामिल अभ्यर्थियों के औसत मार्क्स 279.41 थे। इस बार यह बढ़कर 323.55 हो गए हैं। ऐसे में करीब 45 अंकों की बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसके चलते NTA की जारी की गई कट ऑफ में भी बढ़ोतरी हुई है। बीते साल जहां पर 137 अंक थे। इस बार 164 अंक पहुंच गए, इसमें 27 अंकों की बढ़ोतरी हुई।
समय बर्बाद होने पर दिए ग्रेस मार्क्स
एनटीए ने बताया कि परीक्षा के दौरान जिन स्टूडेंट्स का समय बर्बाद हुआ था, उन्हें ग्रेस मार्क्स दिया गया है। अब सवाल ये उठता है कि ग्रेस मार्क्स किस आधार पर दिए गए? साथ ही ये भी साफ होना चाहिए कि जिन स्टूडेंट्स के 720 में से 720 नंबर आए हैं, उनमें भी कोई ग्रेस मार्क्स पाने वाला है, अगर है तो कौन है।
स्टूडेंट्स और टीचरों की मांग है कि एनटीए नीट यूजी एग्जाम वापस करवाए। कम से कम उन सेंटर के एग्जाम तो दोबारा हो, जहां के स्टूडेंट्स के बहुत ज्यादा नंबर आए हैं। यह लाखों स्टूडेंट्स के भविष्य का सवाल है। उनको न्याय दिलाने के लिए हम डिजिटल सत्याग्रह चला रहे हैं। अगर जरूरत पड़ी तो कोर्ट भी जाएंगे।
ग्रेस अंक कोर्ट ऑर्डर पर दिए गए
शिकायतों पर एनटीए की ओर से जारी स्पष्टीकरण में कहा कि पेपर लीक का कोई मामला सामने नहीं आया है। स्टेट पुलिस की तरफ से भी दर्ज मामले में जांच पूरी नहीं हुई है। वहीं औसत कट ऑफ बढ़ने पर उन्होंने फिजिक्स के सवाल का भी हवाला दिया। NTA ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि एक रिट पिटिशन हाईकोर्ट ऑफ पंजाब एंड हरियाणा, दिल्ली और छत्तीसगढ़ में दाखिल की गई थी, जिसमें नीट यूजी एग्जाम के कुछ सेंटर्स पर समय के नुकसान की बात कैंडिडेट्स ने कही थी। इनका जब सीसीटीवी से मूल्यांकन किया गया, तब यह मामला सही निकला। इसके बाद ही उन्हें ग्रेस अंक कोर्ट ऑर्डर पर दिए गए। यह भी 1563 कैंडिडेट को दिए।
इन सवालों पर स्टूडेंट्स ने की थी आपत्ति
एक प्रश्न पर 13,373 चैलेंज अभ्यर्थियों ने किए थे। इसमें ओल्ड एनसीआरटी और न्यू एनसीआरटी के तहत अलग-अलग आंसर आ रहे थे। पहले प्रोविजनल आंसर की में एक जवाब को सही माना गया था, जिसके चलते 17 विद्यार्थियों के 720 में से 720 अंक आ रहे थे। जब विद्यार्थियों की आपत्ति पर दो ऑप्शन को भी सही माना गया, तब 44 विद्यार्थियों की संख्या बढ़ गई। ऐसे में 6 कैंडिडेट को ग्रेसिंग मार्क्स मिलने पर वे टॉपर लिस्ट में पहुंच गए और उनके भी 720 में से 720 अंक हुए है।