NEET UG Re-Exam: NTA ने देशभर के 63 उम्मीदवारों को दोबारा परीक्षा से रोका, 1563 में से सिर्फ 813 ने दिया एग्जाम

NEET Paper Leak Confession
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NEET Paper Leak Confession
NEET UG Re-Exam 2024: नीट यूजी परीक्षा में ग्रेस मार्क्स से पास होने वाले छात्रों की परीक्षा आज दोबारा आयोजित हुई। इस परीक्षा में 1563 में से कुल 813 उम्मीदवार पुन: परीक्षा के लिए उपस्थित हुए।

NEET UG Re-Exam 2024: पेपर लीक के बाद NEET UG 2024 के लिए रविवार को 1563 उम्मीदवारों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित की गई। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने बताया कि इनमें से कुल 813 छात्र-छात्राएं री-एग्जाम के लिए उपस्थित हुए। नकल और पेपर लीक जैसी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में देशभर से 63 अभ्यर्थियों को परीक्षा से बाहर कर दिया गया। इनमें बिहार के 17 और गोधरा (गुजरात) के केंद्रों के 30 उम्मीदवारों को री-एग्जाम के बाहर कर दिया गया। नीट यूजी परीक्षा का दोबारा आयोजन देश के छह शहरों में किया गया, जिसमें ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 स्टूडेंट्स शामिल हुए। इस परीक्षा में कुल 813 उम्मीदवार उपस्थित हुए।

छह शहरों में हुई परीक्षा
बता दें कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधिकारी परीक्षा केंद्रों पर मौजूद रहेंगे। वरिष्ठ एनटीए अधिकारी ने कहा कि जबकि अन्य सभी परीक्षा केंद्र बदल गए हैं, चंडीगढ़ में केवल दो उम्मीदवार उपस्थित होंगे, वह वही रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ग्रेस मार्क्स वालों की दोबारा परीक्षा
नीट यूजी परीक्षा में छह छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए थे, जबकि 61 अन्य पर अंक बढ़ने के आरोप लगे थे। मेघालय, छत्तीसगढ़, हरियाणा, गुजरात और चंडीगढ़ के छह केंद्रों पर परीक्षा शुरू होने में देरी के कारण समय के नुकसान के लिए छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे, जिन्हें बाद में वापस लिया गया। अब पुनः मेडिकल प्रवेश परीक्षा आयोजित हो रही है।

पांच मई को पहली बार हुई थी NEET UG परीक्षा
नीट यूजी परीक्षा का आयोजन पहली बार पांच मई को किया गया था। लेकिन पेपर लीक और ग्रेस मार्क्स विवाद ने तूल पकड़ लिया। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में अभी भी लंबित है। हालांकि सरकार ने ग्रेस मार्क्स पाने वालों के लिए परीक्षा का आयोजन दोबारा करने का फैसला किया।

क्या था ग्रेस मार्क्स विवाद
नीट यूजी परीक्षा कई केंद्रों पर देरी से शुरु हुई थी। जिसके चलते इन केंद्रों पर परीक्षा देने वाले स्टेंट्स को एनटीए ने ग्रेस मार्क्स दिए थे। लेकिन एनटीए ने ग्रेस मार्क्स के नियम की जानकारी पहले से नहीं दी थी। रिजल्ट आने के बाद इस पर विवाद हो गया। देखते ही देखते मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया।

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