PHULE And Anurag Kashyap Controversy: भारत में महिला शिक्षा की नींव रखने वाले फुले दपंती के जीवन संघर्ष पर बनी फिल्म फुले को लेकर जबरदस्त विवाद छिड़ा हुआ है। इसे 11 अप्रैल को रिलीज किया जाना था, लेकिन विरोध के चलते रोक लगा दी गई। अब फिल्म के डायरेक्टर अनुराग कश्यप के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। सामाजिक कार्यकर्ता नीरज याग्निक ने इंदौर के पलासिया थाने में आवेदन देकर फिल्म बैन किए जाने की मांग की है।
फिल्म डायरेक्टर अनुराग कश्यप के खिलाफ ब्राह्मण समाज पर निम्न स्तरीय टिप्पणी करने का आरोप है। नीरज याग्निक ने पुलिस को बताया, इनकी टिप्पणी देशद्रोह, राष्ट्रद्रोह और धर्मद्रोही है। ब्राह्मण जन्म से मृत्यु तक सभी कर्मकांडों में समग्र हिंदू समाज के साथ है। देशभक्त होने के नाते मेरी भावनाएं आहत हुई हैं।
MP में बैन हो फिल्म फुले
नीरज याग्निक ने हर धर्म और समाज के लोगों से अपील की है कि देश को तोड़ने की ताकतों के खिलाफ एकजुट हों। शिकायती पत्र की कॉपी मुख्यमंत्री को भी भेजी है। फिल्म में सालों पुरानी बातें नए तरीके से पेश कर दंगे भड़काने की कोशिश की जा रही है। ऐसी फिल्म को मध्यप्रदेश में बैन करना चाहिए।
परशुराम सेना ने भी की है निंदा
परशुराम सेना के प्रदेश अध्यक्ष अनूप शुक्ला ने भी अनुराग कश्यप के बयान की निंदा की की है। कहा, उन्होंने ब्राह्मणों के खिलाफ टिप्पणी की अपनी गंदी मानसिकता को प्रदर्शित किया है। हमने उनके खिलाफ एफआईआर और गिरफ्तारी की मांग करते हुए पुलिस को शिकायती पत्र सौंपा है।
क्या है फिल्म फुले विवाद?
प्रतीक गांधी और पत्रलेखा स्टारर फिल्म फुले पर जातिवाद फैलाने का आरोप है। समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबाराव फुले और उनकी पत्नी सावित्री बाई फुले की जिंदगी पर बनी यह फिल्म 11 अप्रैल को रिलीज होनी थी, लेकिन सेंसर बोर्ड ने कुछ सीन हटाने के लिए मेकर्स को कहा है। 'मांग', 'महर' और 'पेशवाई' जैसे कुछ शब्द पहले ही फिल्म से हटवा दिए गए हैं। 3000 साल पुरानी गुलामी की जगह कई साल पुरानी गुलामी करवाया गया है।
अनुराग के खिलाफ क्यों भड़का आक्रोश?
- अनंत महादेवन द्वारा निर्देशित फिल्म फुले पर कॉन्ट्रोवर्सी चल ही रही थी कि अनुराग कश्यप ने सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट लिखकर केंद्र सरकार, ब्राह्मण समुदाय और सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन पर सवाल उठाए। ब्राह्मण समाज ने इसे अपना अपमान बताते हुए विरोध शुरू कर दिया।
- अनुराग कश्यप ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट पर पूछा था कि भारत में जातिवाद है या नहीं। लिखा-धड़क-2 की स्क्रीनिंग के दौरान सेंसर बोर्ड ने दावा किया था कि मोदी जी ने देश में जातिव्यवस्था खत्म कर दी है। इसी के चलते फिल्म संतोष रिलीज नहीं होने दी। अब फुले का विरोध हो रहा है।
- अनुराग ने आगे लिखा-भारत में यदि जाति व्यवस्था नहीं है तो आप ब्राह्मण कैसे हो गए और परेशान क्यों हो रहे हैं? पता नहीं जातिवादी, क्षेत्रवादी, नस्लवादी सरकार के एजेंडे को एक्सपोज करने वाली फिल्मों को ब्लॉक क्यों कर दिया जाता है। आईने में अपना चेहरा देखने में उन्हें शर्म आती है। आखिर फिल्म में ऐसा है क्या, जो उन्हें परेशान कर रहा है।
अनुराग कश्यप ने सशर्त माफी मांगी
अनुराग कश्यप ने शुक्रवार रात इंस्टाग्राम पर पोस्ट लिखकर माफी मांगी। लिखा-मैं माफी मांगता हूं, लेकिन अपनी पोस्ट के लिए नहीं, बल्कि उस एक लाइन के लिए, जिसे गलत तरह से लेते हुए नफरत फैलाई जा रही है। कोई एक्शन या स्पीच आपकी बेटी, परिवार, दोस्त और परिचितों से ज्यादा नहीं है। उन्हें रेप और हत्या की धमकी दी जा रही है। जो गाली देनी है मुझे दो, मेरे परिवार ने क्या कहा है।