AR Rahman 57th Birthday: 'जय हो' स्लमडॉग मिलेनियर का ये गाना भारत के हर एक व्यक्ति को गर्वित महसूस कराता है। और ऐसा क्यों ना हो... इस गाने ने 81वें अकादमी अवॉर्ड्स यानि ऑस्कर का खिताब अपने नाम किया था। इस गाने को भारते के सबसे टैलेंटेड म्यूज़िक कंपोज़र और सिंगर एआर रहमान (AR Rahamn) ने कंपोज़ किया और गाया भी था। आज 6 जनवरी को एआर रहमान का जन्मदिन है और वह आज 57 साल के हो गए हैं।
एआर रहमान के गानों का हर कोई फैन है। शाहरुख खान के 'छंया छंया' गाने से लेकर 'मां तुझे सलाम'... हर कोई रहमान के म्यूजिक का शौकीन है। रहमान नाम से ही आप समझ जाएंगे कि यह एक इस्लामिक नाम है... लेकिन आप यहां गलत हो सकते हैं। क्योंकि ए आर नाम से पहचाने जाने वाले ये संगीतकार असल में मुस्लिम धर्म के नहीं हैं। क्या आप जानते हैं एआर रहमान का असली नाम क्या है और वह किस धर्म के हैं? अगर नहीं तो आज उनके 57वें जन्मदिन पर हम आपको बताएंगे उनका असली नाम और उनके असली धर्म के पीछे की कहानी।
क्या है रहमान का असली नाम?
एआर रहमान का जन्म 6 जनवरी 1967 को तमिलनाडु में एक हिंदू परिवार में हुआ था। उनका असली नाम दिलीप कुमार था। सिंगर ने साल 1989 में 23 साल की उम्र में इस्लाम धर्म कबूल किया था और उन्होंने दिलीप कुमार से अपना नाम बदलकर अल्लाह रखा (एआर) रहमान रख लिया। रहमान का मानना है कि इस्लाम का मतलब होता है जीवन को साधारण तरीके से जीना। साल 2000 में बीबीसी टॉक शो में एआर रहमान ने बताया था कि उन्होंने इस्लाम धर्म को क्यों अपनाया था।
क्या है रहमान के धर्म बदलने की कहानी
रहमान ने बताया था कि उनके पिता जब कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे तब उनका इलाज एक सूफी ने किया था। उनके पिता को कैंसर था। जब कुछ सालों बाद एआर रहमान अपने परिवार के साथ सूफी से मिले तो उनकी बातों से वह काफी प्रभावित हुए और उन्होंने हिंदू धर्म छोड़कर दूसरा धर्म अपनाने का फैसला किया। रहमान ने बताया था कि उनके पिता के इलाज के दौरान जब उनका परिवार दोबारा सूफी से मिला था जह उन्होंने आध्यात्मिक मार्ग अपनाया, जिससे उन्हें बहुत शांति मिली।
ऐसे मिला एआर रहमान नाम
एक अन्य इंटरव्यू में एआर रहमान ने बताया था कि उन्हें अपना नाम दिलीप कुमार पसंद नहीं था और अपना धर्म बदलने से पहले एक हिंदू ज्योतिषी ने उन्हें मुस्लिम नाम रखने का सुझाव दिया था। उन्होंने बताया था कि उनकी बहन की शादी के वक्त एक ज्योतिषी ने उन्होंने अब्दुल रहमान और अब्दुल रहीम दो नामों के सुझाव दिए थे। तब उन्हें रहमान नाम तुरंत पसंद आ गया और उन्होंने रहमान रख लिया। इसके बाद उन्होंने मां के कहने पर अपने नाम में अल्लाह रक्खा जोड़कर अपना नाम अल्ला रक्खा रहमान (एआर रहमान) रख लिया।