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कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। फिल्म को अब भी सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट नहीं मिल पाया है जिसके बाद अब इसकी रिलीज कम से कम दो हफ्ते और टल गई है।

Emergency Row: कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। मामला बॉम्बे हाई कोर्ट तक पहुंच गया है जिसपर बुधवार को सुनवाई हुई जिसके बाद कंगना कि फिल्म को राहत नहीं मिली है। पहले ये फिल्म 6 सितंबर को रिलीज होनी थी लेकिन हाईकोर्ट की सुनवाई के बाद फिल्म की रिलीज दो हफ्ते के लिए टल गई है।

हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत
पूरा मामला फिल्म के सर्टिफिकेशन को लेकर है। दरअसल इमरजेंसी को अबतक सेंसर बोर्ड द्वारा सर्टिफिकेट नहीं मिला है। इसको लेकर फिल्म के सह-निर्माता और मेकर्स ने फिल्म की रिलीज और सेंसर सर्टिफिकेट की मांग के लिए बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसपर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि वे केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) से फिल्म के निर्माताओं को प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश नहीं दे सकती।

कोर्ट ने कहा कि इससे मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश का खंडन होगा। बता दें, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पहले ही सेंसर बोर्ड को जबलपुर सिख संगठन द्वारा दर्ज कराई गई आपत्तियों पर निर्णय लेने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने CBFC से इस मामले पर 18 सितंबर तक निर्णय लेने का आदेश दिया है। अब इस पूरे मामले पर 19 सितंबर को सुनवाई होगी।

क्या है इमरजेंसी को लेकर विवाद
बताते चलें, 'इमरजेंसी' फिल्म पूर्व दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की लाइफ पर बनी पॉलिटिकल ड्रामा फिल्म है जिसमें कंगना रनौत लीड रोल निभा रही हैं। फिल्म के ट्रेलर में भिंडरावाले अंश की झलकियां भी है जिसको लेकर सिख संगठन इसकी रिलीज का विरोध कर रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल के कुछ सिख संगठनों का आरोप है कि फिल्म से सिख समुदाय की छवि खराब करने की कोशिश की जाएगी। इसके अलावा फिल्म में ऐतिहासिक घटनाओं से छेड़छाड़ और गलत तरीके से पेश करने के आरोप हैं।

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