बॉलीवुड के पहले देवदास: गीत, संगीत, अभिनय...एक हरफनमौला फनकार; रामलीला में सीता माता का रोल भी किया

Cinema: दिलीप कुमार से लेकर शाहरुख खान तक पर्दे पर 'देवदास' की भूमिका में इन सितारों ने बखूबी निभाई है जिसके लिए उन्हें आज भी खूब वाह-वाही मिली है। लेकिन इन दो लीजेंड से पहले एक मशहूर कलाकार थे जिन्होंने सबसे पहले फिल्मी पर्दे पर देवदास की भूमिका अदा की थी। ये दिग्गज अभिनेता थे कुंदन लाल सहगल।
1935 में आई फिल्म ‘देवदास’ में कुंदन लाल सहगल यानी केएल सहगल ने अपनी अदाएगी से हिंदी सिनेमा में इतिहास रच दिया था। प्रेमी की पीड़ा, न मिलने की तड़प और एक-दूजे को पाने की आकांक्षा रखते हुए नम आंखों से बयां करती देवदास की कहानी ने आज भी दर्शकों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी है। इस फिल्म में केएल सहगल एक ऐसे देवदास बने थे जिन्होंने भारतीय सिनेमा को अभिनय के स्तर को समझाने की कोशिश की।
केएल सहगल को बचपन से रहा अभिनय का शौक
11 अप्रैल 1904 को जन्मे कुंदन लाल सहगल भारत में सिनेमा की नीव रखने वाले अभिनेताओं में से एक थे। उनका जन्म जम्मू में हुआ था। केएल सहगल के पिता अमरचंद सहगल जम्मू और कश्मीर के राजा की अदालत में तहसीलदार थे और मां एक गृहिणी थीं। बचपन से ही केएल सहगल को अभिनय का शौक था और उन्हें रामलीला में प्रस्तुति देने का भी मौका मिलता था। बचपन में वह रामलीला में माता सीता के किरदार को निभाते थे।
स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद उन्होंने रेलवे टाइमकीपर के रूप में काम किया। बाद में उन्होंने एक कंपनी से सेल्समैन के रूप में भी जुड़े। काम के दौरान उन्हें भारत के कई स्थलों पर घूमने का मौका मिला, बस फिर क्या था, उनकी किस्मत ने दोस्ती करवाई मेहरचंद जैन से जो लाहौर के अनारकली बाजार में रहने वाले थे। सिंगर के तौर पर करियर की शुरुआत करने वाले सहगल को दोस्त मेहरचंद ने अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए अभिनय की सलाह दी।
अभिनय के अलावा गाए हिट गाने
केएल सहगल न सिर्फ अभिनेता थे बल्कि उस दौर के मशहूर गायक भी थे। उन्होंने अपने करियर में 180 से ज्यादा गानों में अपनी आवाज दी। हिंदी, बंगाली और उर्दू समेत अन्य कई भाषाओं में केएल सहगल ने गाने दिए हैं। उनका मशहूर गाना ‘जब दिल ही टूट गया हम जीकर क्या करेंगे…’ आज भी लोगों की जहन में है। इस गाने के पीछे भी एक रोचक किस्सा है। कहा जाता है कि केएल सहगल गानों को अपनी आवाज तभी देते थे जब उनका गला शराब से तर होता था।
लेकिन जब 1946 में आई फिल्म शाहजहां के लिए उन्हें गाना 'जब दिल ही टूट गया... गाना था, तब उन्होंने बिना शराब पिए इस गीत को गाया था। यह गाना खूब हिट हुआ और आज भी लोग इसे गुनगुनाते हैं। केएल सहगल की अंतिम इच्छा थी कि जब वह जिंदगी से अलविदा कहेंगे तो उनके लिए यही गाना बजना चाहिए, और बशर्ते 1947 में उनके अंतिम सफर पर यही गाना बजाया गया था।
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS