Sharda Sinha Chhath Songs: देशभर में छठ पर्व की धूम मची है। चार दिनों का यह पवित्र पर्व विशेषकर यूपी और बिहार में बड़ी श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व में सूर्य उपासना का खास महत्व होता है और श्रद्धालु उगते और ढलते सूर्य को अर्घ्य देकर अपनी आस्था व्यक्त करते हैं।  

लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन
बिहार की लोक गायिका शारदा सिन्हा अब हमारे बीच नहीं रहीं। छठ के पहले दिन मंगलवार (5 नवंबर) को दिल्ली के एम्स में उनका निधन हो गया। शारदा सिन्हा का छठ पर्व से गहरा नाता रहा है और उन्होंने इसी त्योहार के पहले दिन अंतिम सांस ली।

कौन हैं शारदा सिन्हा?
शारदा सिन्हा, बिहार की एक मशहूर लोक गायिका हैं। उन्होंने भोजपुरी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में कई लोकप्रिय गीत गाए हैं। बॉलीवुड में भी उनका योगदान है, उन्होंने ‘मैंने प्यार किया’, ‘हम आपके हैं कौन’ और ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ जैसी फिल्मों में अपनी आवाज दी है। लोक संगीत के प्रति उनके योगदान के लिए उन्हें 'बिहार-कोकिला' कहा जाता है और उन्हें ‘पद्म श्री’ और ‘पद्म भूषण’ जैसे सम्मान से नवाजा गया है।

शारदा सिन्हा के लोकप्रिय छठ गीत
आइए जानते हैं शारदा सिन्हा के कुछ ऐसे प्रसिद्ध छठ गीत, जिनके बिना यह पर्व अधूरा लगता है:

"केलवा के पात पर उगेलन सूरज भगवान"  
यह गीत छठ महापर्व की शुरुआत में बहुत प्रचलित है। इसमें सूर्य देवता की महिमा का वर्णन किया गया है, जो व्रतियों के दिल में भक्ति की भावना जागृत करता है।

"पहिले पहिल हम कईनी छठी मइया वरत तोहार" 
यह गीत उन भक्तों की भावनाओं को व्यक्त करता है जो पहली बार छठ का व्रत कर रहे हैं। इसमें छठ माई के प्रति श्रद्धा और समर्पण की भावना को दर्शाया गया है।

"उठउ सूरज भइले बिहान" 
यह गीत छठ पर्व के आखिरी दिन गाया जाता है। इसमें ढलते हुए सूरज को अर्घ्य देने का दृश्य प्रस्तुत किया गया है, जो बहुत भावुक और भक्ति से भरपूर है।

दुखवा मिटाईं छठी मईया
यह एक लोकप्रिय छठ गीत है जो शारदा सिन्‍हा के बेटे अंशुमन सिन्‍हा ने सोमवार (4 नवंबर) को रिलीज किया है। अंशुमन ने गीत शेयर करते हुए लिखा कि इस बीच जबकि मां की स्वास्थ्य संबंधी लड़ाई जारी है, मैं एक छोटा सा प्रयास कर मां के नए छठ गीत 'दुखवा मिटाईं छठी मईया' का एक वीडियो भी पोस्ट कर रहा हूं। 

"पटना के घाट पर"  
यह गीत पटना के गंगा घाट पर होने वाले भव्य छठ पूजा का दृश्य प्रस्तुत करता है और लोगों के मन में श्रद्धा और समर्पण की भावना को बढ़ाता है। 

शारदा सिन्हा के गीतों में बसी लोक संस्कृति
शारदा सिन्हा के गीत न केवल छठ पर्व की परंपरा को निभाते हैं, बल्कि लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखते हैं। उनके गीतों के बिना छठ का पर्व अधूरा लगता है। चाहे बिहार हो, यूपी हो या देश के किसी भी हिस्से में बसे लोग, छठ पर्व के दौरान शारदा सिन्हा के इन गीतों की गूंज हर जगह सुनाई देती है।

छठ गीतों का महत्व
किसी भी त्योहार में गीतों का विशेष महत्व होता है, जो उत्सव की रौनक को दोगुना कर देता है। इसी प्रकार, छठ पर्व पर भी गीतों का अपना एक अहम स्थान है। छठ गीतों के बिना यह पर्व अधूरा माना जाता है और जब बात छठ गीतों की आती है, तो प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का नाम सबसे पहले आता है।