Vijay 69 Review: हाल ही में आई 'सिंघम अगेन' और 'भूल भुलैया 3' जैसी मास ओरिएंटेड और कमर्शियल फिल्में दर्शकों का मनोरंजन तो कर रही हैं लेकिन ये केवल वन टाइम वॉच जैसी लिस्ट में शामिल हैं। इसी बीच 8 नवंबर को नेटफ्लिक्स पर अनुपम खेर ने 'विजय 69' से एंट्री की है। इस हालिया रिलीज इस फिल्म में अनुपम खेर 69 की उम्र के किरदार में हैं जो असल में भी उनकी उम्र है और वह इस एज में हर वो काम करना चाहते हैं जिससे उन्हें जिंदगी खुलकर जीने का एहसास हो। 'एज इज जस्ट अ नंबर' कहानी इसी कहावत को दिखाती है।
कहानी
फिल्म में अनुपम खेर विजय मैथ्यूस (69) के किरदार में हैं जो गुस्सैल और मुंह पर बोलने वाला व्यक्ति है, पर उसे एहसास होता है कि जब वह इस दुनिया से चला जाएगा तब उसके लिए फेयरवेल स्पीच में क्या बोला जाएगा। उसे लगता है कि जीवन में उसने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे उसे याद रखा जाए। ऐसे में वह ट्रायथलॉन में भाग लेने का फैसला करता है जिसमें- 1.5 किलोमीटर स्विमिंग, 40 किलोमीटर साइक्लिंग और 10 किलोमीटर शामिल है। अब 69 की उम्र में इस तरह के एडवेंचर करने वाले व्यक्ति को स्वास्थ का साथ ना देना और समाज के तानों जैसी कई लिस्ट हैं जो उसे सपनों को पूरा करने में अड़चन पैदा करती है।
क्यों देखें फिल्म
पर फिर भी विजय हार नहीं मानता और सपनों को पूरा करता है। उसका परम मित्र भाथेना जिसे चंकी पांडे ने निभाया है, वह अपने दोस्त को पूरा सपोर्ट करता है और मोटिवेट करता है। अपने सपनों को पूरा करने के लिए 69 साल का बूढ़ा व्यक्ति कितनी सीमाओं को पार करेगा, इसकी कहानी आपकी आंखें नम भी कर सकती है। कहानी में कुछ ऐसे भाग हैं जो आपको इमोशनल कर देंगी, लेकिन अंत में आपको प्रेरणा जरूर देगी। मोटिवेशन से भरपूर इस फिल्म को देखने के लिए समय जरूर निकालें।
डायरेक्शन
फिल्म की शुरुआत आपको कहानी से जोड़े रखती है। अनुपम खेर की एनर्जी किसी यंग एक्टर को टक्कर देती है। वहीं चंकी पांडे भी अपने कॉमिक अंदाज के साथ प्यारे दोस्त की भूमिका में आपका दिल जीत लेंगे। हालांकि कहीं-कहीं डायलॉग ऐसे हैं जो दम नहीं रखते। फिल्म को अक्षय रॉय ने डायरेक्ट किया है। उन्होंने अब्बास टायरवाला के साथ मिलकर इसकी कहानी भी लिखी है। उन्होंने न सिर्फ मां-बाप के सपनों पर एक खूबसूरत फिल्म बनाई है बल्कि यंग जेनरेशन को मोटिवेशन भी दिया है।