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Interview: लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश के बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा भी खजुराहो सीट से मैदान में हैं। ‘हरिभूमि और आईएनएच’ न्यूज चैनल के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने मौजूदा राजनीतिक परिस्थियों पर उनसे विशेष बातचीत की। विस्तार से पढ़ें...  

Interview: मध्यप्रदेश के बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष और खजुराहो लोकसभा के प्रत्याशी वीडी शर्मा किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। वे संगठन का दायित्व संभालते हुए स्वयं लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उनके नेतृत्व में पार्टी लगातार कीर्तिमान रच रही है। उनका मानना है कि 2047 का विकसित भारत बनाने और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पूरा देश पीएम मोदी को पुन: पीएम बनाने के लिए लालायित है। वे तीन बिंदु अहम मानते हैं।

पहला, वर्तमान पीएम फिर से तीसरी बार पीएम बनें। क्योंकि, देश जिस राह पर जा रहा है, वह उस राह से उतर न जाए। दूसरा, उनका आंकलन है कि डॉ. मोहन यादव की सरकार और प्रदेश संगठन ने जिस प्रकार का कामकाज किया है, उससे मप्र भी इसमें बराबरी का भागीदार बने। तीसरा ये है कि उन्हें इस बात की निराशा है कि खजुराहो से कांग्रेस ने मैदान में उतरने से पहले ही बोरिया-बिस्तर बांध लिया। पेश हैं ‘हरिभूमि’ और ‘आईएनएच’ न्यूज चैनल के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ वीडी शर्मा की खास बातचीत के प्रमुख अंश...

सवाल: लोकसभा चुनाव को आप किस रूप में देख रहे हैं?

जवाब: लोकसभा चुनाव को लेकर जिस तरह से देश के अंदर वातावरण बना है, तो पूरा देश पीएम नरेंद्र मोदी को तीसरी बार सत्ता की बागडोर देने के लिए आतुर है। मप्र इसमें अग्रणी भूमिका निभाएगा। इस संदर्भ में कई कार्यक्रम चल रहे हैं। इसलिए पूरा देश आज मोदीमय है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता पूरी तैयारी से साथ मैदान में उतरा है। भाजपा हाईकमान ने प्रत्येक बूथ पर 370 मत पाने का लक्ष्य रखा है। इस बार भाजपा देश में इतिहास बनाएगी। प्रदेश की सभी 29 सीटें जीतेंगे। साथ ही देश में 400 पार का जो नारा है, वह भी पूरा होगा।

सवाल: पीएम मोदी को पूरा देश तीसरी बार सत्ता सौंपने इतना क्यों आतुर है, इसका राज क्या है?
जवाब: पीएम मोदी ने कहा यह जो चुनाव है, वह भाजपा का कार्यकर्ता तो लड़ रहा है, लेकिन इस चुनाव को जनता लड़ रही है। जनता यह चाहती है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों के अंदर जो हुआ है, उससे हर गरीब का जीवन बदला है। चाहे वह व्यक्ित किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय का हो, वह लाभान्वित हुआ है। सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र के साथ सबके प्रयासों से यह देश आगे बढ़ रहा है। 25 करोड़ लोग देश के अंदर गरीबी से ऊपर आ गए। इसमें मप्र के 2.50 करोड़ लोग शामिल हैं। पीएम मोदी कहते हैं कि देश में 4 जातियां गरीब, किसान, महिला और युवा। इन वर्गों के अंदर देश में बेहद काम हुआ है। आयुष्मान भारत योजना, पीएम आवास योजना, मुद्रा योजना के जरिए देश को आत्मनिर्भर बनाने में तेजी से कार्य चल रहा है। गांव में भी देखो तो चाय वाला डिजीटली लेन-देन कर रहा है, यह नए भारत का स्वरूप है। उनके नेतृत्व में देश का मान-सम्मान भी बड़ा है। हर प्रकार से देश आगे बढ़ रहा है, इसलिए देश का जनमानस यह चाहता है कि पीएम मोदी पुन: तीसरी बार पीएम बनें। 

सवाल: जब देश पीएम मोदी को तीसरी बार पीएम देखना चाहता है, तो कांग्रेस पर इतने उतावले क्यों हैं ? 
जवाब:
देश की जनता और कांग्रेस में जो लोग पुराने समय से काम कर रहे हैं, वो भी इस बात को मानते हैं कि राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की जिस प्रकार से कांग्रेस ने अवहेलना की, वह भगवान राम का अपमान कांग्रेस ने किया। ऐसे लोग जो लंबे समय से कांग्रेस में काम कर रहे थे, इस घटना के बाद उनके दिल टूट रहे हैं। हम किसी के पीछे नहीं पड़े। वो लोग जिनको लगता है कि कांग्रेस में काम करने में अपने आपको अपमानित मान रहे हैं, उनका पीएम मोदी के प्रति विश्वास बढ़ रहा है, इसलिए वे भाजपा में आ रहे हैं। पीएम मोदी ने संकल्प लिया है कि देश के अंदर जितने भी गुलामी के प्रतीक हैं, वह सब समाप्त होंगे। कांग्रेस भी देश के अंदर गुलामी का प्रतीक है। ये भी अब देश के अंदर समाप्ित की ओर है और ये लक्ष्य जरूर पूरा होगा।  

सवाल: कैलाश विजयवर्गीय ने कमलनाथ को बासी फल बताने जैसी टिप्पणी की थी, वहीं सुरेश पचौरी को त्वरित बुला लिया, यह कैसा विभाजन है? 
जवाब:
व्यक्ति किस विचारधारा में काम कर रहा है, उस पर निर्भर करता है। चाहे वे दिग्विजय सिंह हो या कमलनाथ। एक मिस्टर बंटाधार दूसरे करप्शननाथ हैं। उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान मप्र को लूटा है। वहीं छिंदवाड़ा की गरीब जनता के साथ कमलनाथ ने छल, कपट किया है। इसलिए उनके बारे में इस प्रकार की भाषा लोग बोल सकते हैं। वहीं दिग्विजय सिंह को भारत की धर्म, संस्कृति ओर धरोहर का अपमान करने में आनंद आता है। रामलला पर किस प्रकार प्रहार किया जाए, इस पर उन्हें आनंद आता है। उन्हें आतंकवादियों का समर्थन, देश विरोधी ताकतों के साथ खड़े होने में आनंद आता है। इन लोगों के जब ऐसे व्यवहार हैं, तो तब पॉलिटिकल क्षेत्र में लोग इस प्रकार की भाषा बोलते हैं। व्यक्ति जैसा काम करता है, जनता उसके अनुसार मत बनाती है।

सवाल: इतना सब है तो छिंदवाड़ा में भाजपा विधानसभा चुनाव पूरी सीटों पर क्यों निपट गई थी?
जवाब: छिंदवाड़ा जिले की विधानसभाओं का वोट शेयर देख लीजिए तो कोई एक हजार से जीते तो कोई 5 हजार के आसपास। वहां हमारा लगातार वोट प्रतिशत बढ़ रहा है। इस बार वह आखिरी आंकड़ा भी पार कर जाएगा। पिछली लोकसभा में उनके पुत्र नकुलनाथ केवल 37 हजार वोटों से जीते थे। वे कभी लोकसभा नहीं गए। उन्होंने लोकसभा में कभी जनता की आवाज नहीं उठाई। मैं दावे के साथ कह रहा हूं कि इस बार पूर्ण बहुमत के साथ छिंदवाड़ा लोकसभा भाजपा जीतेगी। इसको कोई रोक नहीं सकता है। कमलनाथ तो केवल छल-कपट की राजनीति करते हैं। आदिवासी भाइयों को पीएम मोदी ने कई योजनाओं के जरिए ताकत दी है। इसलिए वे सजग हो गए हैं।

सवाल: जिनको विधानसभा में जनता ने नकार दिया, उनको सांसद प्रत्याशी बना दिया और जो लगातार जीत रहे थे, उनको घर बैठा दिया, यह कैसा टिकट वितरण है?
जवाब: भाजपा समझती है कि आज की आवश्यकता क्या है। विधानसभा चुनाव में पूरी रणनीति के साथ वरिष्ठ नेताओं को उतारा था। कुछ परिस्थितियां और समीकरण बनते हैं, जिसके आधार पर कुछ प्लस-माइनस हो जाता है। फग्गन सिंह कुलस्ते  हार गए तो उससे सरकार बनाने में कोई दिक्कत तो आई नहीं। मंडला जिले में अन्य सीटें तो भाजपा ही जीती है। वहीं गणेश सिंह हमारे ओबीसी वर्ग के बड़े चेहरा हैं। उन्होंने सतना जिले में बढि़या काम किया है।  हो सकता है किसी कारण से वे हारे होंगे, लेकिन भाजपा का संगठन और हमारा नेत‍ृत्व गहराई से विचार करता है। केवल वे चुनाव हार गए, इसलिए हम उन्हें माइनस कर देंगे। यह नहीं हो सकता है। कार्यकर्ता की चिंता करना और उसे ताकत देना संगठन हमेशा से चिंता करता आया है और आगे भी करता रहेगा।

सवाल: नए-नए मुख्यमंत्री बने डॉ. मोहन यादव के साथ काम करने में कितनी सहजता-असहजता है? 
जवाब: शिवराज सिंह भी अनुभवी थे और डॉ. मोहन यादव भी उनसे कम नहीं हैं। बल्कि काम करना अब और ज्यादा सुविधाजनक हो गया है। मेरा सौभाग्य रहा है कि 18 साल के अनुभवी शिवराज सिंह के नेतृत्व में विधानसभा 2023 का चुनाव लड़ा और जीता भी। आज मप्र के मुख्यमंत्री के तौर पर डॉ. मोहन यादव हैं। डॉ. यादव हमसे राजनीति में वरिष्ठ हैं। मेरा सौभाग्य रहा है कि मैंने उन्हें उज्जैन में एक कार्यकर्ता के नाते से देखा और आज उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में भी देख रहा हूं। मेरा एक अच्छा संबंध आज से नहीं, वर्षों से रहा है। आज संगठन में कैसे अच्छा से अच्छा काम किया जाए, उनके साथ बैठकर बात करते हैं।

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