Benefits of Singhara: सिंघाड़ा पानी में उगने और फलने वाला एक मौसमी फल है। इसे अंग्रेजी में ‘वाटर चेस्टनट’ (Water Chestnut) के नाम से जाना जाता है। यह ऊर्जा से भरपूर खास फल पानी के भीतर होता है।
ऊर्जा और विटामिन का स्रोत है सिंघाड़ा
सिंघाड़ा में उच्च कार्बोहाइड्रेट के कारण ऊर्जा से भरपूर और विभिन्न प्रकार के पोषण से भरपूर सिंघाड़ा विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स का बहुत बढ़िया स्रोत है।
इस सीजन में होता है सिंघाड़ा
सिंघाड़ा झीलों, तालाबों में पाया जा सकता है। सिंघाड़ा का सीजन मुख्य रूप से अक्टूबर से मार्च तक होता है। इसके फल की तब पैदावार शुरू होती है जब पानी में ठंडक आने लगती है।
व्रत और उपवास का फल है सिंघाड़ा
सिंघाड़ा भारत में व्रतों और उपवास के दौरान खाया जाने वाला एक सबसे लोकप्रिय फल है। इसका कारण है इसका सुपाच्य होना और शरीर को तुरंत ऊर्जा से पहुंचाना।
सिंघाड़ा के पोषक तत्व
सिंघाड़ा एक बेहद पौष्टिक फल है। यह कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज जैसे पोषक तत्व लबरेज फल है।
सिंघाड़ा खाने के फायदे
सिंघाड़ा केवल एक स्वादिष्ट ही नहीं बल्कि पौष्टिक फल भी है। अपने पोषक तत्वों के कारण सिंघाड़ा स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। इसका रोजाना सेवन करने से शरीर को कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं:-
उच्च रक्तचाप नियंत्रण: पोटेशियम से भरपूर सिंघाड़े के सेवन से ब्लड में सोडियम के लेवल को कम कर उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर) को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
हार्ट को मजबूत बना है: पोटेशियम और मैग्नीशियम हार्ट को मजबूत बनाते हैं। सिंघाड़े में इन दोनों मिनरल्स की मात्रा अधिक होने के कारण ये दोनों खनिज हेल्दी हार्ट के लिए आवश्यक हैं।
मधुमेह नियंत्रण: सिंघाड़े में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो ब्लडमें ग्लूकोज के लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसलिए, डायबिटीज पेशेंटके लिए सिंघाड़ा काफी अच्छा विकल्प है।
कैंसर से बचाव: सिंघाड़े में एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा भी काफी अधिक होती है। एंटीऑक्सिडेंट शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं और शरीर को अनेक प्रकार कैंसर होने से बचाव करते हैं।