Health Tips: हम जो भोजन करते हैं, उससे शरीर को एनर्जी मिलती है, ताकि शरीर की सारी गतिविधियां सुचारू रूप से चलती रहें। सरल शब्दों में समझा जाए, तो हम जो कुछ भी खाते हैं, उसे एनर्जी में बदलने की प्रक्रिया को मेटाबॉलिज्म कहा जाता है। यह प्रक्रिया भोजन को पचाने के अलावा हार्मोन के स्तर को संतुलित रखने और शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने में भी मददगार साबित होती है। जब मेटाबॉलिज्म हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में इतनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, तो हमारे लिए यह जानना भी बहुत जरूरी है कि इसे सुधारने के लिए हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

रेग्युलर एक्सरसाइज
अगर आप चाहते हैं, कि आपके शरीर में मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया सुचारु ढंग से काम करे, तो एक्सरसाइज को अपनी नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। खासतौर पर कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज से बेली फैट और बढ़ते वजन को नियंत्रित रखना आसान होता है। इससे कैलोरी को एनर्जी में बदलने की क्षमता बढ़ जाती है। वजन उठाने वाली एक्सरसाइज से मांसपेशियां मजबूत होती हैं, शरीर का कंपोजिशन सुधरता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है। कुल मिलाकर एक्सरसाइज से मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया चुस्त-दुरुस्त रहती है, इसलिए प्रतिदिन एक्सरसाइज के लिए कम से कम 40 मिनट का समय जरूर निकालें।

बैलेंस्ड डाइट
हमारे भोजन से मिलने वाली कैलोरी को एनर्जी में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को बीएमआर यानी बेसिक मेटाबॉलिक रेट कहा जाता है। बीएमआर ज्यादा हो, तो शरीर दुबला और फुर्तीला होता है, अगर यह कम हो तो शरीर में अतिरिक्त फैट जमा होने के साथ मोटापा बढ़ने लगता है। अगर यह बहुत ज्यादा हो तो इससे अत्यधिक दुबलापन और बहुत कम हो, तो मोटापा जैसी समस्याएं परेशान करती हैं। बीएमआर को संतुलित रखने के लिए अपनी डाइट में कार्बोहाइड्रेट और फैट की मात्रा घटाएं। साथ ही प्रोटीन, विटामिंस और मिनरल्स की मात्रा को बढ़ाएं। सरल शब्दों मे कहा जाए तो घी, तेल, मक्खन और चीनी का सीमित मात्रा में सेवन करें। रोजाना के भोजन में रोटी और चावल की मात्रा घटाकर दालों और हरी सब्जियों का भरपूर मात्रा में सेवन करें। अपने भोजन में दही, पनीर और खमीर युक्त खाद्य पदार्थों इडली, ढोकला आदि को प्रमुखता से शामिल करें, इससे आंतें स्वस्थ रहती हैं और इंसुलिन की सेंसिविटी बढ़ती है। जब हम पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन का सेवन करते हैं तो इससे आसानी से कैलोरी बर्न होती है और बढ़ते वजन को नियंत्रित रखना संभव होता है।

पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन कम से एक से डेढ़ लीटर तक पानी पिएं। इससे बर्न होने वाली कैलोरी की संख्या बढ़ती है, जिसे रेस्टिंग एनर्जी एक्सपेंडिचर कहा जाता है। शोध से यह तथ्य सामने आया है, कि एक ग्लास पानी पीने के दस मिनट के भीतर हमारे शरीर में रेस्टिंग एनर्जी एक्सपेंडिचर लगभग 30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है, जिसका असर एक घंटे तक कायम रहता है। खासतौर पर खाना खाने से पहले एक गिलास पानी पीना कैलोरी इंटेक को घटाने में मददगार होता है। इससे बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

स्ट्रेस मैनेजमेंट है जरूरी
हमेशा खुश और तनावमुक्त रहने की कोशिश करें। स्ट्रेस की वजह से कॉर्टिसोल हॉर्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिसे मैनेज करने के लिए शरीर को अधिक मात्रा में कैलोरी की जरूरत होती है, जिससे व्यक्ति चॉकलेट, सॉफ्ट ड्रिंक और जंक फूड का सेवन अधिक मात्रा में करने लगता है। नतीजतन इससे उसका वजन बढ़ने लगता है। साथ ही स्ट्रेस हॉर्मोन की वजह से कैलोरी को एनर्जी में बदलने की प्रक्रिया धीमी पड़ने लगती है यानी मेटाबॉलिज्म सही ढंग से काम नहीं करता। अगर तन-मन को स्वस्थ रखना है, तो तनाव और उदासी से दूर रहें।

अच्छी नींद लेना भी है जरूरी
एक रिसर्च के अनुसार केवल चार रातों की अधूरी नींद की वजह से इंसुलिन को प्रोसेस करने की क्षमता लगभग 30 प्रतिशत तक घट जाती है। नतीजतन भोजन को एनर्जी में बदलने की प्रक्रिया बहुत धीमी हो जाती है। इसके अलावा जो लोग नाइट शिफ्ट में ड्यूटी करते हैं या जिन्हें देर रात तक जागने की आदत होती है, वे अकसर चॉकलेट, जंक फूड या चाय-कॉफी जैसी चीजों का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं, जिससे उनका वजन तेजी से बढ़ने लगता है। इसलिए अगर आप मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को दुरुस्त रखना चाहते हैं, तो रोजाना कम से कम आठ घंटे की नींद लेना जरूरी है।  
 
प्रस्तुति:विनीता       

डॉक्टर एडवाइस
डॉ. पी. वेंकट कृष्णन (सीनियर फिजिशियन)
आर्टेमिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम