Diarrhea: गर्मी में पेट से संबंधित समस्या होना आम बात है। कई बार पेट में इंफेक्शन के कारण खाना हजम नहीं होता है और पतले मोशन होने लगते हैं। बार-बार लूश मोशन होने के कारण शरीर से पानी अधिक निकल जाता है। इससे शरीर में सुस्ती आ जाती है और कमजोरी लगने लगती है। इस समस्या को डायरिया कहा जाता है। अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। लूज मोशन के कारण डिहाइड्रेशन हो जाता है। इससे किडनी पर भी बुरा असर पड़ता है। इसलिए इसको रोकने के लिए अपने खान-पान और साफ-सफाई पर बहुत ध्यान देना चाहिए।
डायरिया होने के कारण
इस मौसम में डायरिया होने का प्रमुख कारण संक्रमित आहार लेना होता है। इसलिए बाजारू खाने से परहेज करना चाहिए। बाजार में बिकने वाले मिल्क शेक, कटे हुए फल, गोल गप्पे, जूस और कटे रखे सलाद खाने से भी डायरिया होने का चांस अधिक रहता है। बुजुर्गों और बच्चों की इम्यूनिटी मजबूत नहीं होती है, इसलिए इनका विशेष ध्यान रखना चाहिए। यह भी हो सकता है कि आज आपने बाजारू खाना खाया और उसके एक-दो दिन के बाद आपको संक्रमण हो। पर्याप्त मात्रा में पानी ना पीने और लिक्विड डाइट ना लेने से भी डायरिया होने का रिस्क बढ़ता है।
प्रमुख लक्षण
डायरिया होने पर जो प्रमुख लक्षण महसूस होते हैं, उनमें शामिल हैं-पेट में दर्द होना, गैस की शिकायत होना, पेट में मरोड़ आना, लूश मोशन होना, आंखें अंदर जाना, मुंह सूखना, जीभ सूख जाना और कमजोरी लगना आदि।
बचाव के उपाय
डायरिया से बचाव का प्रमुख उपाय यह है कि बाजार में मिलने वाले खाने के बजाय घर का बना ताजा और स्वच्छ खाना ही खाएं। खूब पानी पीते रहें। गर्मी के मौसम में चाय और कॉफी से परहेज करें, क्योंकि इससे यूरीन का उत्पादन ज्यादा होता है। कोल्ड ड्रिंक पीने से परहेज करें। इसके बजाय जहां तक हो सके नीबू पानी, नारियल पानी, सादा पानी, छाछ, लस्सी आदि को बदल-बदल कर पीते रहें। लेकिन यह ध्यान रखें कि नारियल पानी दिन में एक बार ही पिएं क्योंकि इसमें पोटेशियम होता है, जो दिल पर प्रेशर डालता है। ठेले पर बिकने वाली खुली हुई और कच्ची चीजें न खाएं, जैसे कि कटे फल, सलाद इत्यादि।
उपचार के तरीके
अगर डायरिया हो गया है तो लाइट डाइट ही लें, ताकि आसानी से हजम हो जाए। खाने में घर का बना हुआ खिचड़ी, दाल, चावल और सूप ले सकते हैं। इंफेक्शन के कारण भूख नहीं लगती है फिर भी हर दो-तीन घंटे में पानी पीएं और कुछ हल्का खाते रहें। इस दरम्यान दूध का सेवन न करें, लेकिन दही ले सकते हैं। वह भी घर का जमा हुआ। थोड़ी-थोड़ी देर में पेशेंट को हल्का खाना देते रहें, पर जितना आराम से खा सके, उतना ही खाएं। तीन-चार घंटे के अंतराल पर फल खाते रहें।
बरतें सावधानियां
अपने खान-पान के प्रति बेहद सावधान रहें। बाहर का खाना बिल्कुल न खाएं। यहां तक कि बाहर बिकने वाला पानी भी न पीएं। घर का बना हुआ ताजा खाना ही खाएं। जब भी घर से बाहर जाएं तो अपने साथ खाना और पानी का बॉटल साथ लेकर जाएं। दिन के समय घर से बाहर तभी जाएं जब बहुत जरूरत हो। खासतौर पर डायरिया के पेशेंट घर में ही रहें और आराम करें।
(नोट: यह जानकारी डाइटीशियन नेहा पेठानिया से बातचीत पर आधारित है)
प्रिकॉशन- संध्या रानी