Heathy Tips: हंसना सिर्फ एक शारीरिक क्रिया या किसी बात-घटना की प्रतिक्रिया नहीं होता है। यह एक नेचुरल रेमिडी है, जो बिना कुछ खर्च किए आपको फिजिकली-मेंटली हेल्दी रहने में बहुत इंपॉर्टेंट रोल निभाता है। कई स्टडीज में ऐसे फैक्ट सामने आए हैं कि हेल्दी रहने में अधिक से अधिक हंसना बहुत इफेक्टिव होता है। वर्ल्ड लाफ्टर-डे (5 मई) के मौके पर हंसने के हेल्दी बेनिफिट्स के बारे में जानिए।
शादी विवाह हों या होली जैसे त्यौहार, अप्रैल फूल का दिन हो या दोस्तों की महफिल हो, विभिन्न अवसरों पर खूब हंसी-ठहाके और मस्ती मसखरी चलती है। हंसकर हम खुद को तरोताजा महसूस करते हैं। वैज्ञानिक भी कहते हैं कि हंसने-मुस्कुराने और चुहलबाज़ी के हजार फायदे होते हैं। इसके लिए एक कहावत है कि साबुन जो काम हमारे शरीर की सफाई के लिए करता है, वही हंसी हमारे मन के लिए करती है। हंसने-मुस्कुराने के कई फायदे समय-समय पर बताए जाते रहे हैं। कुछ ताजा अध्ययनों के अनुसार हंसने से फर्टिलिटी की संभावना, बौद्धिक क्षमता और उम्र भी बढ़ती है।
बढ़ती है आयु
सेहत विज्ञानियों का मानना है कि हंसते-मुस्कुराते रहने से इंसान दीर्घायु होता है। हर 5 मिनट की हंसी हमारे जीवन में 5 दिनों की आयु बढ़ा सकती है। दरअसल, हंसने से तन और मन के स्वास्थ्य को कई तरह के फायदे होते हैं। ठहाके लगाने और खुलकर हंसने से रेस्पिरेटरी मसल्स फैलती हैं, जिनसे इनकी एक्सरसाइज हो जाती है। इससे चेस्ट कैविटी भी फैलती है। फेफड़ों में ज्यादा ऑक्सीजन भरती है और ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड निकलती है। इससे हमारे लंग्स हेल्दी बनते हैं, उनकी कार्यक्षमता भी बढ़ती है। इससे हम लंबे समय तक हेल्दी रह सकते हैं।
हार्ट को रखे हेल्दी
अमेरिका स्थित कैलिफोर्निया की लोमा लिंडा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता ली बुर्के और डॉ स्टेनले टैन ने अपने एक अध्ययन में पाया कि हंसने की प्रक्रिया से हमारे शरीर में कई तरह के रिएक्शन होते हैं। इससे एड्रेनलीन हार्मोन का स्रावण होता है, जिसे अराउजल हार्मोन कहा गया है। यह कई प्रकार के सेंसेज को जगा देता है। इससे हार्ट बीट बढ़ती है। हार्ट पर पॉजिटिव दबाव बढ़ने से यह रक्त की पंपिंग ज्यादा करता है। इससे हार्ट स्ट्रॉन्ग बनता है। इससे स्किन को भी फायदा होता है और चेहरा दमकने लगता है।
अच्छी कार्डियो एक्सरसाइज
खुल कर हंसने से फिजिकल फटीग और मेंटल टेंशन से रिलीफ मिलती है और मसल्स रिलैक्स करती हैं। लाफ्टर ब्लड वेसल्स फंक्शन को इंप्रूव करके ब्लड फ्लो बढ़ाती है। इससे हार्ट अटैक और दूसरी कार्डियोवैस्कुलर समस्याओं से सुरक्षा मिलती है। हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि लाफ्टर एक अच्छी कार्डियो एक्सरसाइज है। इससे हार्ट मसल्स की अच्छी एक्सरसाइज होती है। इससे कैलोरी भी बर्न होती है।
बढ़ती है मेंटल स्ट्रेंथ
अच्छे सेंस ऑफ ह्यूमर वाले, हंसोड़ और जिंदादिल इंसान मुसीबतों और दुख की घड़ी में भी खुद को संयत, संतुलित सक्रिय रखने में सक्षम होते हैं। ऐसे लोग मुसीबतों को सिर पर नहीं लादते। ये आमतौर पर खुश और सुकून से जीते हैं। इसकी वजह है कि हंसने से इनकी मेंटल स्ट्रेंथ बढ़ती है, ये अपने इमोशंस पर बेहतर ढंग से कंट्रोल करना जानते हैं। यही वजह है कि स्ट्रेस और टेंशन की कंडीशन में भी ये रिलैक्स रह लेते हैं।
बढ़ता है सोशल सर्किल
अपनी पुस्तक ‘साइकोलॉजी ऑफ हैप्पीनेस’ में लेखक और मनोविज्ञानी माइकल फोर्डिस लिखते हैं, ‘हंसने वाले लोग एक संतुलित और सफल जीवन जीने में सक्षम होते हैं। इनका सोशल और बिजनेस सर्किल भी बड़ा होता है क्योंकि ये अपने हंसने-मुस्कुराने वाले स्वभाव के कारण बड़ी आसानी से लोगों को इंप्रेस कर लेते हैं और उनसे हमेशा के लिए जुड़ जाते हैं।’ यानी हंसने वाले लोगों के सोशल रिलेशन अधिक आसानी से और ज्यादा बनते हैं। इसका फायदा यह होता है कि व्यक्ति कभी भी अकेलेपन, स्ट्रेस या डिप्रेशन का शिकार नहीं होता है। वह अपने मन की बातें दूसरों से शेयर करता और दूसरों की बातें सुनता भी है।
‘बीएमसी कंपलीमेंटरी एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन’ जर्नल में प्रकाशित एक शोध में बताया गया है कि हंसना एक प्रकार का गुडविल मैसेज है। हंसने का फायदा सिर्फ सेहत तक ही सीमित नहीं बल्कि इससे आपकी पर्सनल और प्रोफेशनल इमेज पर भी पॉजिटिव असर पड़ता है। हंसने मुस्कुराने वाले लोगों का सामाजिक दायरा बड़ा होता है क्योंकि ये आसानी से सबको अपना मित्र बना लेते हैं। साथ ही इस आदत का फायदा इन्हें प्रोफेशनल फ्रंट पर भी मिलता है। ये अपने जिंदादिल स्वभाव से बॉस, कुलीग्स और क्लाइंट्स सबको खुश रखते हैं, जिससे इनके काम आसानी से बन जाते हैं और तरक्की के रास्ते भी सदा खुले रहते हैं।
कहने का मतलब यही है कि हंसमुख व्यक्ति हर मायने में दूसरों से अधिक हेल्दी और हैप्पी लाइफ जीता है।
आसान होती है प्रेगनेंसी
दक्षिण कोरिया के शोधकर्ता एच. जे. चुंग ने स्ट्रेस और एंजायटी के दौर से गुजर रही इनफर्टिलिटी की मरीजों पर लाफ्टर थेरेपी का असर जानने के लिए एक अध्ययन किया। उन्होंने आईवीएफ ट्रीटमेंट ले रही 40 महिलाओं में से 20 को लाफ्टर थेरेपी दी तो पाया कि बाकी 20 महिलाओं की तुलना में उनमें स्ट्रेस एंजायटी और डिप्रेशन काफी कम था और उनमें प्रेगनेंसी ज्यादा आसानी से हुई। एक अन्य अध्ययन में ऑक्सफोर्ड कंसेप्शन स्टडी से पता चला कि जिन महिलाओं के रक्त में अल्फा एमीलेज नामक स्ट्रेस इंडिकेटर का लेवल अधिक था, उनमें प्रेगनेंसी की दर काफी कम थी। जबकि हंसने-मुस्कुराने और हंसी-मजाक का आनंद लेने वाली महिलाओं में फर्टिलिटी के इलाज से प्रेगनेंसी के चांस बढ़ गए।
शिखर चंद जैन