Yogasana For Neck: शरीर को स्वस्थ रखने में योगासन का अभ्यास बहुत लाभकारी होता है। गर्दन से जुड़ी समस्याएं आजकल बेहद आम हो चली है। कम उम्र में ही लोगों को गर्दन में दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस परेशानी से बचने के लिए शुरुआती दौर से ही अगर कुछ योगासनों का नियमित अभ्यास किया जाए तो परेशानी काफी हद तक दूर हो सकती है।
सही तरीके से योगासनों का अभ्यास परेशानी से राहत दिलाने में भी असरदार साबित हो सकता है। आप अगर गर्दन के दर्द से जुझ रहे हैं तो कुछ योगासनों का योग्य प्रशिक्षक की निगरानी में किया गया अभ्यास आपको राहत दिला सकता है।
गर्दन से संबंधित 2 योगासन
बालासन: बालासन, जिसे चाइल्ड पोज के नाम से भी जाना जाता है, गर्दन दर्द से राहत पाने के लिए एक उपयोगी योगासन हो सकता है। यह आसन गर्दन, कंधों और पीठ की मांसपेशियों को आराम देने में मदद करता है, जिससे दर्द और तनाव कम हो सकता है।
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इस आसन के अभ्यास के लिए शांत और आरामदायक जगह पर चटाई बिछाएं। घुटनों के बल बैठ जाएं, पैरों को थोड़ा पीछे की ओर फैला लें। बड़े पैर के अंगूठे को आपस में मिलाएं और एड़ियों को अलग रखें। सांस छोड़ते हुए, अपने शरीर को आगे की ओर झुकाएं और माथे को जमीन पर टिकाएं।
अपने हाथों को आगे की ओर बढ़ाएं, हथेलियां नीचे की ओर या तो अपने जांघों के पास रखें या उन्हें अपने शरीर के पीछे ले जाएं। गहरी और धीमी सांस लें। इस स्थिति में 30 सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक आराम करें। सांस लेते हुए धीरे-धीरे रीढ़ को सीधा करते हुए वापस वज्रासन की स्थिति में आ जाएं।
नटराज आसन: नटराजासन या डांसर पोज के नाम से भी जाना जाता है, एक खूबसूरत और चुनौतीपूर्ण योगासन है जो पूरे शरीर को मजबूत और लचीला बनाता है। यह आसन गर्दन के लिए भी फायदेमंद हो सकता है।
इस आसन को करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं, अपने पैरों को कूल्हों की चौड़ाई से अलग रखें। अपने बाएं हाथ को अपने बगल में रखें और अपने दाहिने हाथ को अपने सीने के सामने लाएं, कोहनी मुड़ी हुई। अपने बाएं घुटने को मोड़ें और अपने बाएं पैर को पीछे की ओर उठाएं, पैर का तलवा ऊपर की ओर।
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अपने दाहिने हाथ को अपने बाएं पैर के टखने के पीछे या अपनी जांघ के पीछे रखें। अपने बाएं पैर को ऊपर और पीछे की ओर खींचें, जैसे कि आप किसी दीवार को छूना चाहते हैं। अपनी रीढ़ को सीधा रखें और अपनी छाती को खोलें। गहरी और धीमी सांस लें। कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें, फिर धीरे-धीरे अपने पैर को नीचे लाएं और दूसरी तरफ से दोहराएं।
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ, डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)