Yogasana For Joints: उम्र बढ़ने के साथ ही जोड़ों संबंधी समस्याएं शुरू हो जाती है। आप अगर चाहते हैं कि लंबे वक्त तक आपका शरीर हेल्दी रहे और हड्डियां मजबूत बनी रहें तो कुछ योगासन इसमें आपकी मदद कर सकते हैं। योगासन का नियमित अभ्यास शरीर को स्वस्थ्य बनाए रखने में मदद करता है। शरीर के हर अंग को मजबूती देने के लिए अलग-अलग योगासनों को किया जाता है। 

आप अगर ज्वाइंट्स की हेल्थ को बेहतर बनाए रखना चाहते हैं तो इसमें 4 योगासन आपकी मदद कर सकते हैं। किसी योगाचार्य के मार्गदर्शन में आप इन आसनों को नियमित कर सकते हैं। 

4 योगासन से ज्वाइंट्स बनेंगे मजबूत

सूर्य नमस्कार - सूर्य नमस्कार 12 योगासनों का एक क्रम है जो सूर्य को नमस्कार करने के लिए किया जाता है। यह पूरे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए फायदेमंद है। 

  • सीधे खड़े होकर दोनों हाथों को ऊपर उठाएं।  
  • सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाकर पीछे झुकें।
  • सांस छोड़ते हुए आगे झुकें और अपनी हथेलियों को अपने पैरों के पास रखें। 
  • एक पैर को पीछे ले जाएं और घुटने को मोड़ें, दूसरे पैर को आगे रखें।
  • पेट के बल लेटें, हाथों को छाती के पास रखें, और सांस लेते हुए ऊपर उठें। 
  • घुटनों को मोड़ें, छाती को जमीन पर लाएं, और सिर को जमीन से टिकाएं।
  • सांस लेते हुए ऊपर उठें और सिर को पीछे झुकाएं।
  • दूसरा पैर पीछे ले जाएं और घुटने को मोड़ें, पहले पैर को आगे रखें।
  • सांस छोड़ते हुए आगे झुकें और अपनी हथेलियों को अपने पैरों के पास रखें।
  • सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाकर पीछे झुकें।
  • सांस छोड़ते हुए हाथों को नीचे लाएं और सीधे खड़े हो जाएं।

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भुजंगासन -  भुजंगासन, जिसे सर्पासन या कोबरा पोज के नाम से भी जाना जाता है, एक आसान और फायदेमंद योगासन है। यह रीढ़ को मजबूत बनाने, पाचन को दुरुस्त करने में मदद करता है। इससे शरीर लचीला भी बनता है। 

  • पेट के बल जमीन पर लेट जाएं।
  • माथे को जमीन से सटाएं, पैरों को थोड़ा दूर रखें और पंजों को जमीन से सटाएं।
  • दोनों हाथों को कंधों के ठीक नीचे जमीन पर टिक करें, कोहनी मुड़ी हुई होनी चाहिए।
  • अब सांस लेते हुए धीरे-धीरे छाती और ऊपरी शरीर को ऊपर उठाएं।
  • ध्यान दें कि पेट का निचला हिस्सा जमीन से लगा रहे।
  • इस दौरान कंधों को पीछे की तरफ रखें और सीने को चौड़ा करें।
  • कुछ देर इस स्थिति में रहें और गहरी सांस लेते रहें।
  • फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे वापस नीचे आ जाएं।

बालासन - बालासन, जिसका अर्थ है "बालक की मुद्रा", एक आरामदायक और लाभदायक योगासन है। यह शरीर को आराम देने, तनाव कम करने और रीढ़ को लचीला बनाने में मदद करता है।

  • वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं। यानी घुटनों के बल बैठें, पैरों के पंजों को मिलाएं और एड़ियों को ऊपर की तरफ रखें।
  • अब धीरे-धीरे अपने शरीर को आगे की ओर झुकाएं और माथे को जमीन से लगा लें।
  • हाथों को आगे की ओर बढ़ाएं, कोहनी जमीन पर टिकी रहें।
  • आप चाहें तो हाथों को शरीर के बगल में भी रख सकते हैं, हथेलियां नीचे की ओर रहेंगी।
  • इस दौरान पीठ को ढीला छोड़ दें और गहरी सांस लेते रहें।
  • कुछ देर इस स्थिति में आराम से रहें।
  • वापस आने के लिए, हाथों को धीरे-धीरे वापस लाएं और वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं।

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विपरीत करणी - विपरीत करणी, जिसे "पैर-दीवार-के-साथ" मुद्रा भी कहा जाता है, एक आसान और लाभदायक योगासन है। यह ज्वाइंट के साथ थकान को दूर करने, तनाव कम करने और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में कारगर है।

  • दीवार के पास ज़मीन पर एक कंबल या योगा चटाई बिछाएं।
  • अपने कूल्हों को दीवार से सटाकर पीठ के बल लेट जाएं।
  • धीरे-धीरे अपने पैरों को दीवार पर ऊपर उठाएं।
  • पैरों को सीधा रखें और घुटनों को मोड़ें नहीं।
  • हाथों को शरीर के बगल में रखें, हथेलियां नीचे की ओर।
  • इस दौरान शरीर को ढीला छोड़ दें और गहरी सांस लेते रहें।
  • कुछ देर इस स्थिति में आराम से रहें।
  • वापस आने के लिए, धीरे-धीरे अपने पैरों को नीचे लाएं और दीवार से हटा लें

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)