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Health Tips: शरीर को हेल्दी रखने के लिए मेटाबॉलिज्म का बेहतर होना जरूरी होता है। हमारी 5 आदतें मेटाबॉलिज्म को बुरी तरह से प्रभावित करती हैं।

Health Tips: सेहतमंद रहने के लिए शरीर का मेटाबॉलिज्म बेहतर होना जरूरी है। अगर मेटाबॉलिज्म कमजोर होता है तो इससे शरीर में कई तरह की परेशानियां पैदा होने लगती हैं। लंबे वक्त तक मेटाबॉलिज्म धीमा होने पर इससे हार्ट डिजीज, डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। मेटाबॉलिज्म धीमा करने के लिए कुछ आदतें जिम्मेदार होती हैं। आप अगर इन आदतों के आदी हैं तो इनमें जल्द बदलाव करने में ही समझदारी है। 

आपकी 5 आदतें मेटाबॉलिज्म को बिगाड़ने का काम  करती हैं। न्यूट्रिशनिस्ट और वैट लॉस कोच सिमरन खोसला ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर करते हुए 5 ऐसी आदतों के बारे में बताया है जो कि मेटाबॉलिज्म को बिगाड़ने का काम करती हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में। 

5 आदतें बिगाड़ देती हैं मेटाबॉलिज्म

सूरज की रोशनी न मिलना - हमारे शरीर में विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा रहने के लिए सन एक्सपोज़र बेहद जरूरी होता है। विटामिन डी मेटाबॉलिक फंक्शन को बेहतर करने में अहम भूमिका निभाता है। अगर पर्याप्त समय तक सूरज की रोशनी में न रहा जाए तो विटामिन डी कम होने का रिस्क बढ़ जाता है और इससे हमारे शरीर में एनर्जी प्रोसेस होने की गति धीमी पड़ सकती है। इससे मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करने वाले हार्मोंस मेलाटोनिन और सेरोटोनिन भी प्रभावित होते हैं। 

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खराब नींद - मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाए रखने के लिए अच्छी नींद का आना जरूरी है। खराब नींद मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देती है। क्वालिटी स्लीप ल्यूपिन और गारेलिन हार्मोंस को रेगुलेट करती है जो कि भूख और संतृष्टि को कंट्रोल करने का काम करते हैं। नींद ठीक से न होने पर हार्मोंस प्रभावित होते हैं और इससे क्रेविंग बढ़ती है और वजन बढ़ सकता है। खराब नींद इंसुलिन को भी प्रभावित कर मेटाबॉलिक इंबैलेंस करती है और इससे मोटापा और डायबिटीज का रिस्क बढ़ जाता है। 

प्रोसेस्ड फूड - आजकल प्रोसेस्ड फूड का चलन काफी बढ़ गया है। इन फूड्स में काफी रिफाइंड शुगर और अनहेल्दी फैट होता है। इन्हें खाने से मेटाबॉलिक डिस्फंक्शन होता है और इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ता है। 

ब्लू लाइट - बहुत से लोगों की रात में मोबाइल, लैपटॉप चलाने की आदत होती है। इनसे निकलने वाली ब्लू लाइट हमारी सरकेडाइन रिदम को  बिगाड़ देती है जो कि न सिर्फ स्लीप पैटर्न को प्रभावित करती है, बल्कि मेटाबॉलिक प्रोसेस को भी धीमा करती है। इसका नतीजा होता है कि वजन बढ़ने लगता है और मेटाबॉलिक डिसऑर्डर हो जाता है। 

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स्ट्रेस - हमारे मेटाबॉल्जिम को बिगाड़ने में तनाव का बड़ा रोल होता है। ज्यादा तनाव शरीर में कॉर्टिसोल रिलीज को ट्रिगर करता है। इससे भूख बढ़ती है और हाई कैलोरी फूड्स की क्रेविंग होती है। इन्हें खाने से मेटाबॉलिक बैलेंस बिगड़ जाता है। 

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