Jaipur Travel Destinations: राजस्थान अपनी वीरता और समृद्धि संस्कृति के लिए पहचाना जाता है। यहां के हर शहर में एक इतिहास छिपा हुआ है। गर्मी की छुट्टियों में आप अगर राजस्थान घूमने का प्लान कर रहे हैं तो पिंकी सिटी कहलाने वाले जयपुर जरूर जाएं। जयपुर में कई ऐतिहासिक जगहें हैं जहां विजिट की जा सकती है।
जयपुर की ये छोटी सी ट्रिप आपको जिंदगीभर के लिए बेहतरीन यादें दे सकती है। यहां का जीवंत इतिहास और शानदार वास्तुकला आपको चौंकने पर मजबूर कर सकती है। आइए जानते हैं जयपुर की 5 लोकप्रिय जगहों के बारे में।
जयपुर की 5 लोकप्रिय जगहें
जयपुर, जो गुलाबी नगरी के नाम से भी जाना जाता है, राजस्थान की राजधानी है और पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। यह शहर अपने समृद्ध इतिहास, और शानदार वास्तुकला के लिए पहचाना जाता है।
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आमेर किला: आमेर किला जयपुर के पास एक पहाड़ी पर स्थित एक राजसी किला है। यह अपनी भव्य वास्तुकला और समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है। किले का निर्माण 11वीं शताब्दी में कछवाहा राजपूतों ने किया था और बाद में मुगल सम्राटों द्वारा इसका विस्तार किया गया था। यह एक विशाल किला परिसर है जो अरावली पहाड़ियों में स्थित है। किले में कई महल, मंदिर और उद्यान हैं।
हवा महल: यह जयपुर के सबसे प्रतिष्ठित स्मारकों में से एक है। इसे 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था। हवा महल अपनी अनोखी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें 953 छोटी खिड़कियां हैं। महल पांच मंजिला है और इसका मुख पूर्व की ओर है।
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जल महल: मानसागर झील के बीच में स्थित यह एक महल है। ये अपनी अनूठी स्थापत्य शैली के लिए प्रसिद्ध है, जो राजपूत और मुगल वास्तुकला का मिश्रण है। महल पांच मंजिला है और इसमें कई जटिल नक्काशीदार मेहराब और छतरियां हैं। जल महल को "जल महल" या "वाटर पैलेस" के रूप में भी जाना जाता है। इसका निर्माण लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से किया गया है।
सिटी पैलेस: सिटी पैलेस जयपुर के पूर्व शाही परिवार का निवास स्थान था और इसमें कई महल, मंदिर और आंगन शामिल हैं। सिटी पैलेस का निर्माण 1727 में महाराजा सवाई जयसिंह II ने शुरू किया था और यह 19वीं शताब्दी तक कई चरणों में बनाया गया था। महल राजपूत और मुगल वास्तुकला का मिश्रण है और यह जटिल नक्काशीदार मेहराबों, छतरियों और बालकनियों से सजाया गया है।
जंतर-मंतर: जयपुर में आप जब भी घूमने जाएं तो जंतर-मंतर को जरूर देखें। जंतर मंतर 18वीं शताब्दी की खगोलीय वेधशाला है। जंतर मंतर में 19 खगोलीय उपकरण हैं जिनका उपयोग ग्रहों, तारों और सूर्य की स्थिति और गति का निरीक्षण करने के लिए किया जाता था।