Parenting Tips: ज्यादातर बच्चे पढ़ाई का नाम सुनकर ही इससे बचने की कोशिश करने लगते हैं। कम ही बच्चे स्टडी को लेकर दिलचस्पी रखते हैं। आपका बच्चा भी अगर पढ़ाई करने से घबराता है और इससे बचने की कोशिश करता है तो आपको पैरेंटिंग के तरीके में बदलाव लाने की जरूरत है। बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि जगाना हर माता-पिता की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।
आजकल के दौर में बच्चों का ध्यान मोबाइल और वीडियो गेम्स की ओर ज्यादा जाता है। ऐसे में बच्चों को पढ़ाई में लगाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। लेकिन कुछ आसान पैरेंटिंग टिप्स से आप बच्चों की पढ़ाई में रुचि बढ़ा सकते हैं।
पढ़ाई में दिलचस्पी बढ़ाने के कुछ तरीके
पढ़ाई को मजेदार बनाएं
गेम्स और एक्टिविटीज: पढ़ाई को खेल-खेल में सीखने का तरीका बनाएं। जैसे कि फ्लैश कार्ड्स का इस्तेमाल, पहेलियां, कहानियां सुनाना, आदि।
रंगीन किताबें और मैगज़ीन: बच्चों को रंगीन चित्रों और कहानियों वाली किताबें और मैगज़ीन दें।
शैक्षिक वीडियो: बच्चों को उनके विषय से जुड़े शैक्षिक वीडियो दिखाएं।
बच्चे की रुचियों को ध्यान में रखें
उनकी पसंद के विषय: बच्चों को उनके पसंद के विषयों से जुड़ी किताबें और गतिविधियां दें।
शौक को बढ़ावा दें: बच्चों के शौक को बढ़ावा दें और उन्हें दिखाएं कि कैसे उनकी पढ़ाई उनके शौक में मदद कर सकती है।
प्रोजेक्ट्स: बच्चों को प्रोजेक्ट्स दें ताकि वे अपने सीखे हुए ज्ञान को व्यावहारिक रूप में लागू कर सकें।
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सकारात्मक माहौल बनाएं
तनाव मुक्त वातावरण: बच्चों को पढ़ाई के लिए तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करें।
प्रोत्साहन: बच्चों की छोटी-छोटी उपलब्धियों के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें।
तुलना न करें: बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से न करें।
पढ़ाई को रूटीन बनाएं
निश्चित समय: पढ़ाई के लिए एक निश्चित समय निर्धारित करें।
शांत जगह: बच्चों को पढ़ाई के लिए एक शांत जगह दें।
व्यवधान से दूर: पढ़ाई के दौरान मोबाइल और टीवी जैसे व्यवधानों से दूर रखें।
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माता-पिता की भूमिका
खुद पढ़ते रहें: बच्चों के सामने खुद पढ़ते रहें ताकि वे भी पढ़ाई के प्रति आकर्षित हों।
सवाल पूछें: बच्चों से उनके पढ़े हुए विषय के बारे में सवाल पूछें।
मदद करें: बच्चों को उनकी पढ़ाई में मदद करें लेकिन उनका होमवर्क खुद न करें।
अन्य गतिविधियों के लिए समय दें
खेल: बच्चों को खेलने के लिए पर्याप्त समय दें।
शारीरिक गतिविधियां: बच्चों को शारीरिक गतिविधियों में शामिल करें।
सामाजिक गतिविधियां: बच्चों को दोस्तों के साथ खेलने और बातचीत करने के लिए समय दें।