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Parenting Tips: बच्चे का अगर पढ़ाई में मन नहीं लगता है तो कुछ तरीके अपनाएं। इनकी मदद से बच्चे का स्टडी के स्ट्रैस्ट बढ़ाया जा सकता है।

Parenting Tips: बच्चे का पढ़ाई में मन न लगना बहुत आम बात है। ज्यादातर बच्चे पढ़ाई से जी चुराते नजर आते हैं। पैरेंट्स की टेंशन उस वक्त बढ़ने लगती है जब एक्ज़ाम नजदीक आ जाती है। बच्चे अगर पूरे साल स्टडी करें तो उन्हें एक्जाम में अतिरिक्त मेहनत नहीं करनी पड़ती है। आपका बच्चा भी अगर पढ़ाई से जी चुराए तो आपको खुद में कुछ बदलाव करने की जरूरत है। 

बच्चे का स्टडी में इंट्रैस्ट जगाने के लिए पैरेंट्स कुछ तरीके अपना सकते हैं। इनकी मदद से बच्चे का खुद ब खुद पढ़ाई में रुझान बढ़ने लगेगा। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ टिप्स के बारे में। 

बच्चे का पढ़ाई में मन कैसे लगाएं?

स्टडी का माहौल तैयार करें
शांत जगह: बच्चों को पढ़ाई के लिए एक शांत और अंधेरे से मुक्त जगह दें।
सारी सुविधाएं उपलब्ध: सुनिश्चित करें कि उनके पास पढ़ाई के लिए सभी आवश्यक सामग्री जैसे कि किताबें, कॉपी, पेन आदि आसानी से उपलब्ध हों।
व्यवधान कम करें: टीवी, मोबाइल या अन्य किसी भी तरह के विचलित करने वाले उपकरणों को पढ़ाई के दौरान बंद रखें।

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छोटे लक्ष्य निर्धारित करें
बड़े लक्ष्य को छोटे भागों में बाँटें: बच्चों को बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए छोटे-छोटे लक्ष्य निर्धारित करने के लिए प्रोत्साहित करें।
प्रगति को मापें: जब वे छोटे लक्ष्यों को प्राप्त करते हैं, तो उन्हें पुरस्कृत करें। इससे उन्हें प्रेरित होने में मदद मिलेगी।

पढ़ाई को मज़ेदार बनाएं
खेल-खेल में सीखें: पढ़ाई को खेल-खेल में सीखने का प्रयास करें। आप कार्ड गेम्स, पहेलियाँ या ऑनलाइन गेम्स का उपयोग कर सकते हैं।
कहानियों के माध्यम से समझाएं: विषय को समझाने के लिए कहानियों का उपयोग करें।
विभिन्न तरीकों से पढ़ाएं: एक ही तरीके से पढ़ाना बच्चों को बोर कर सकता है, इसलिए विभिन्न तरीकों से पढ़ाएं।

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बच्चे की रुचियों को समझें
रुचियों को जोड़ें: बच्चों की रुचियों को पढ़ाई से जोड़ने की कोशिश करें। उदाहरण के लिए, अगर आपका बच्चा खेलना पसंद करता है, तो आप खेल से संबंधित विषयों को पढ़ा सकते हैं।
प्रोजेक्ट्स दें: उन्हें प्रोजेक्ट्स देने से वे रचनात्मक बनेंगे और उन्हें पढ़ाई में अधिक मज़ा आएगा।

प्रोत्साहित करें और सकारात्मक रहें
प्रशंसा करें: जब भी वे कोई अच्छा काम करते हैं, तो उनकी प्रशंसा करें।
सकारात्मक वातावरण बनाएं: एक सकारात्मक वातावरण बनाएं ताकि बच्चे बिना किसी दबाव के पढ़ाई कर सकें।
उन्हें प्रेरित करें: उन्हें प्रेरित करने के लिए सफल लोगों की कहानियां सुनाएं।

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